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AI के खतरे से बचाएगी भारत सरकार! अब पब्लिकली उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल नामुमकिन

अब AI कंपनियां आपके निजी डेटा में सेंध नहीं लगा सकती. दरअसल भारत सरकार ने AI टूल को लेकर बड़ा ऐलान किया है, जिसके तहत एक नया ड्राफ्ट तैयार किया गया है.

Updated on: 17 Jul 2023, 11:13 AM

नई दिल्ली:

AI के खतरे से बचाएगी भारत सरकार! खबर टेक जगत से जुड़ी है, जहां भारत सरकार ने AI टूल को लेकर बड़ा ऐलान किया है. अब भारत सरकर के डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन 2023 के एक नए ड्राफ्ट के मद्देनजर, AI कंपनियां पब्लिकली उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल अपने चैटबॉट को बेहतर बनाने के लिए नहीं कर पाएंगी. अगर ये नया ड्राफ्ट इस मानसून सत्र में पास हो जाता है, तो फिर ये कानून में तबदील हो जाएगा... तो आइये जानें पूरी खबर क्या है? 

दरअसल कुछ वक्त पहले AI टूल पर गूगल का बयान आया था, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया था कि कंपनी पब्लिकली उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल कर सकती है, ताकि AI प्रोडक्ट और सर्विसेस को लोगों के लिए और भी ज्यादा बेहतर बनाया जा सके. मगर अब इस AI टूल के प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव के बाद लोगों के निजी डेटा पर खतरा मंडराने लगा था. ऐसे में भारत सरकार ने इस पूरे मामले में अब दखल देते हुए एक नया ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. 

क्या है नया ड्राफ्ट?

दरअसल इस नए ड्राफ्ट में DPDP बिल से खंड 8(8) को हटाया गया है. ये वही खंड है, जिसमें सार्वजनिक हित के तहत किसी भी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध व्यक्तिगत डेटा को प्रोसेस करने की इजाजत दी गई थी. ऐसे में अगर अब AI कंपनियां पब्लिकली उपलब्ध डेटा को स्क्रैप करती हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. बिल्कुल वैसे ही जैसे फिलहाल US में चल रही है. हालांकि अब सरकार के इस फैसले के बाद, कई एक्सपर्ट्स ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं, उनके मुताबिक इस कानून के आने से चैटजीपीटी जैसे नए एआई टूल के डेवलपमेंट में असर पड़ेगा, मगर ये देश वासियों के लिए बहुत ही अच्छा है. 

गौरतलब है कि अमेरिका में ओपनएआई के खिलाफ सार्वजनिक उपलब्ध व्यक्तिगत डेटा को प्रोसेस करने के मामले में जांच चल रही है, इसके तहत चैटजीपीटी निर्माता ओपनएआई से कई सवाल-जवाब किए जा रहे हैं.