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Valentine Day 2023: दिलचस्प है वैलेंटाइन डे की पूरी कहानी, जानें प्रेम करने वालों के लिए क्यों खास है ये दिन

रोम में एक पादरी थे जिनका नाम सेंट वैलेंटाइन था. उन्ही के नाम पर वैलेंटाइन डे (Valentine Day) मनाया जाता है. 

Updated on: 14 Feb 2023, 10:34 AM

नई दिल्ली:

Valentine Day 2023: वैलेंटाइन डे जिसका इंतजार हर प्रेमी जोड़ा करता है. फरवरी महीने का एक पूरे हफ्ते को वैलेंटाइन वीक के तौर पर मनाया जाता है. वहीं, वैलेंटाइन डे (Valentine Day) के इतिहास की बात करें तो इसकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. भारत में ही नहीं विश्व के कई देशों में भी वैलेंटाइन डे मनाया जाता है. वैलेंटाइन डे की कहानी प्यार और समर्पण की दास्तान है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं वैलेंटाइन डे की पूरी कहानी 

वैलेंटाइन डे की शुरुआत कब हुई
साल के फरवरी महीने की 14 तारीख को वैलेंटाइन डे (Valentine Day) मनाया जाता. वैसे तो फरवरी महीने के एक पूरे हफ्ते को वैलेंटाइन वीक मनाते हैं, जिसके आखिरी दिन को वैलेंटाइन डे (Valentine Day) के तौर पर मनाया जाता है. प्रेम के इस खास दिन की शुरुआत रोम के राजा क्लॉडियस के समय में हुई थी. जानकारी के मुताबिक रोम में एक पादरी थे जिनका नाम सेंट वैलेंटाइन था. उन्ही के नाम पर वैलेंटाइन डे (Valentine Day) मनाया जाता है. 

प्रेम को लेकर राजा क्लॉडियस का फरमान
रोम के राजा क्लॉडियस को दुनिया में प्यार को बढ़ावा देने की बातें पसंद नहीं थी. लेकिन रोम के सेंट वैलेंटाइन पूरी दुनिया में प्रेम को फैलाने की बातें करते थे. वहीं सेंट वैलेंटाइन की यह बातें राजा क्लॉडियस को नागवार गुजरती थी. राजा को ऐसा लगता था कि  शादी और प्यार पुरुषों की ताकत को खत्म कर देती है. यही कारण था कि  राजा क्लॉडियस ने पूरे राज्य के लिए यह फरमाम जारी कर दिया कि राज्य के अधिकारी और सैनिकों को शादी करने के अधिकार से वंचित कर दिया.

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सेंट वैलेंटाइन को फांसी 
राजा क्लॉडियस के इस तुगलकी फरमान से पूरे रोम में इसका विरोध होने लगा. सेंट वैलेंटाइन ने भी राजा क्लॉडियस के इस आदेश का पुरजोर विरोध किया. यही नहीं सेंट वैलेंटाइन ने राजा के आदेश का पालन न करते हुए कई सैनिकों और अधिकारियों की शादी करा दी. जब इस बात की जानकारी राजा क्लॉडियस को हुई तो राजा ने सेंट वैलेंटाइन को फांसी की सजा सुना दी और 14 फरवरी को ही सेंट वैलेंटाइन को सूली पर चढ़ा दिया गया. लेकिन सेंट वैलेंटाइन का यह बलिदान व्यर्थ नहीं हुआ. उनके मरने के बाद लोगों ने सेंट वैलेंटाइन को सम्मान देते हुए 14 फरवरी को ही प्रेम का प्रतीक बनाकर वैलेंटाइन डे मनाने का फैसला लिया.

चिट्ठी पर लिख था 'तुम्हारा वैलेंटाइन'
वहीं, सेंट वैलेंटाइन ने अपने मौत को भी व्यर्थ नहीं जाने दिया. सेंट वैलेंटाइन ने जहां रहते थे उश शहर के जेलर की बेटी देख नहीं सकती थी. इस बात की जानकारी सेंट वैलेंटाइन को थी इसलिए मरने के समय सेंट वैलेंटाइन ने जेलर की बेटी को अपनी आंखें  दान में दी. सेंट वैलेंटाइन से अपनी आंखें देने के साथ एक चिट्ठी भी लिखी जिसपर लिखा था 'तुम्हारा वैलेंटाइन'.