logo-image

PM Narendra Modi Exclusive: विपक्ष सिर्फ हवाबाजी कर रहा है, मेरा हर कदम लोकतंत्र की मजबूती के लिए: पीएम नरेंद्र मोदी

बतौर प्रधानमंत्री भी पांच साल पूरे करने जा रहा हूं. कई संसदीय सत्र में हिस्सा ले चुका हूं. बताएं कि यह वह मसला है जो बताता है कि मोदी लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते.

Updated on: 11 May 2019, 08:05 PM

नई दिल्ली.:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्ष का एक बड़ा आरोप यह भी है कि वह संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट कर रहे हैं. साथ ही विपक्ष यह भी आरोप लगाता आ रहा है कि सत्ता में उनकी वापसी पर लोकतंत्र ही खतरे में पड़ जाएगा. इस सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने न्यूज नेशन से कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री बतौर उनका कार्यकाल ही दोनों बातों का जवाब है.

उन्होंने कहा कि देश में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ऐसे पद हैं जिन्हें निर्णायक जिम्मेदारी कहा जा सकता है. लंबे समय तक गुजरात के सीएम रहते हुए हर रोज कई-कई निर्णय किए. ऐसे में मोदी के रहते लोकतंत्र या संविधान खतरे में है का आरोप लगाने वालों को खोज कर निकालना चाहिए कि फलां व्यवहार विपक्ष के आरोपों को सिद्ध करता है. बतौर प्रधानमंत्री भी पांच साल पूरे करने जा रहा हूं. कई संसदीय सत्र में हिस्सा ले चुका हूं. बताएं कि यह वह मसला है जो बताता है कि मोदी लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते.

विपक्ष के इन आरोपों को हवाबाजी करार देते हुए पीएम मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री बतौर कार्यकाल का उदाहरण दिया. उन्होंने बताया कि उस वक्त उन्हें सरकार चलाने का कोई अनुभव नहीं था. नए-नए सीएम थे. हर महीने के आखिरी में ढेर सारी फाइलें मेज पर आ जाती थीं. किसी को नोटिस देना होता था, किसी को मेमो जारी करना होता था, तो किसी को निलंबित करना होता था. वह भी उनके रिटायरमेंट से एक या दो दिन पहले. शुरुआत में तो साइन किए. फिर सभी अधिकारियों को बुला कर कहा कि अब ऐसी एक भी फाइल मेरे पास नहीं आनी चाहिए. वह भी ऐसे आरापों और बातों के लिए जो 15 से 20 साल पहले की हों. सरकारी नौकरी में जीवन के 30 से 35 साल देने के बाद रिटायरमेंट से ऐन पहले किसी की जिंदगी बर्बाद करने वाली बातें शोभा नहीं देती. उन्होंने पूछा कि यह कदम लोकतंत्र की मजबूती के लिए था या नहीं?

इसी तरह गुजरात के स्थापना दिवस का उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने बताया कि उस वक्त मैंने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी को निमंत्रण भेजा था. गुजरात के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को और सभी मंत्रियों को मैंने बुलावा भेजा था. खासतौर पर असेंबली बुलाई थी. सभी शामिल हुए थे. सभी ने मिल-बैठ कर गुजरात का स्वर्ण जयंती समारोह बनाया था. इस तरह आप पाएंगे कि मेरे सभी प्रयास लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में थे.