logo-image

Telangana Election: भाजपा के एक वादे ने तेलंगाना में बदला चुनावी समीकरण, जानें किसका पलड़ा है भारी

Telangana Assembly Election 2023 : तेलंगाना में अंतिम चरण में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. इस बार सभी राजनीतिक पार्टियां का विशेष फोकस तेलंगाना पर है.

Updated on: 22 Nov 2023, 04:06 PM

नई दिल्ली:

Telangana Assembly Election 2023 : तेलंगाना में अंतिम चरण में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. इस बार सभी राजनीतिक पार्टियां का विशेष फोकस तेलंगाना पर है. एक तरफ मुख्यमंत्री केसीआर एक बार फिर सत्ता में वापसी के लिए जुटे हैं तो दूसरी तरफ 15 साल के बाद भी सरकार बनाने के लिए कांग्रेस मशक्कत कर रही है. इन दोनों दलों के अलावा भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी जीत की उम्मीद लगाए बैठी है. कर्नाटक में हार के बाद भाजपा ने दक्षिण राज्य तेलंगाना में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. 

तेलंगाना में कुछ 119 विधानसभा सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 60 है. दो बार से सत्ता में काबिज के चंद्रशेखर की पार्टी बीआरएस को अपनी योजनाओं आरोग्य रक्षा, रायतू बंधु, अन्नपूर्णा योजना के साथ गैस सिलेंडर 400 रुपये में और 3000 रुपये प्रति महीने महिलाओं को देने के अपने वादों पर पूरा भरोसा है. कांग्रेस ने इस बार तेलंगाना को अपना चुनावी केंद्र बनाया है. आचार संहिता से पहले कांग्रेस पार्टी भी महिलाओं के लिए महालक्ष्मी योजना का चुनावी दांव चली है. 

दक्षिण राज्य तेलंगाना में अपनी सरकार बनाने के लिए भाजपा की ओर से बड़े-बड़े स्टार प्रचार भी राज्य में जमे हुए हैं. बीजेपी ने फ्री की स्कीम के साथ मुस्लिम आरक्षण और परिवारवाद को अपना चुनावी मुद्दा बनाया है. साथ ही भाजपा ने ओबीसी वोटरों को लुभाने के लिए ओबीसी सीएम बनाने का भी वादा किया है. पार्टी का जिस हिसाब से राज्य में जनाधार बढ़ रहा है उससे वह किंग मेकर या फिर ऐसी स्थिति हासिल कर सकती है.  
 
आइये जानते हैं तेलंगाना में भाजपा की वोटिंग प्रतिशत?

तेलंगाना में पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा ने केवल एक सीट पर जीत हासिल की थी. टी राजा सिंह ही गोशामहल विधानसभा सीट से चुनाव जीत पाए थे, जबकि 2018 के विस चुनाव में सिर्फ 6.98 प्रतिशत वोट मिला था. इसके बाद बीजेपी का लोकसभा चुनाव 2019 में जनाधार बढ़ा और पार्टी ने चार लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करके 19.65 फीसदी वोट हासिल किए. पार्टी ने फिर तेलंगाना में अपनी रणनीति बदली और के चंद्रशेखर राव से राजनीतिक दोस्ती तोड़ दी. इसका फायदा बीजेपी को ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के चुनाव 2020 में मिला और 48 सीटों पर बंपर जीत दर्ज की. 

तेलंगाना में कौन बन रहा गेम चेंजर?

तेलंगाना में जीत की संजीवनी मिलने के बाद भाजपा ने बंदी संजय कुमार को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया. उसने राज्य में 82 दिन में प्रजा संग्राम यात्रा के जरिये एक हजार किमी की पैदल यात्रा की. इस दौरान संजय बंदी ने भ्रष्टाचार और परिवारवाद को लेकर केसीआर पर निशाना साधा है. उनकी अग्रेसिव कैपेंनिंग ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को लड़ाई में ला खड़ा कर दिया है.