MP Elections 2023: शिवराज सिंह चौहान को पांचवीं बार मिलेगी सीएम की कुर्सी! जानें कैसा रहा राजनीतिक सफर
MP Assembly Election 2023: शिवराज सिंह चौहान 13 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हुए. उसके बाद वह संगठन की छात्र शाखा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों पर रहे. वह 1970 के दशक में सक्रिय राजनीति में शामिल हुए. उसके बाद वह राजनीति में तेजी से सक्रिय हुए.
highlights
- शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक सफर
- RSS की शाखा से हुई राजनीति की शुरुआत
- चार बार मुख्यमंत्री और पांच बार रहे हैं सांसद
New Delhi:
MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए एक चरण में मतदान होगा. उसके बाद 3 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी और उसी दिन चुनाव परिणाम भी जारी कर दिए जाएंगे. इस विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. दोनों पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार करने में लगी हैं. सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पांचवीं बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर बनाए हुए हैं. अपने तीन दशक के राजनीतिक करियर में चौहान ने चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है.
"मामा" उपनाम से लोकप्रिय हैं शिवराज
मध्य प्रदेश में 'मामा' उपनाम से प्रसिद्ध मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने इस बार सत्ता में वापसी करने की बड़ी चुनौती है. क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सत्ता से बेदखल हो चुकी है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने की वजह से शिवराज सिंह चौहान की सत्ता में वापसी हुई है. हालांकि, शिवराज सिंह चौहान को अपने 'मामा' उपनाम पर पूरा भरोसा है कि वह एक बार फिर से एमपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल होंगे. क्योंकि उनके इस नाम ने ही उन्हें जनता के बीच में प्रसिद्ध किया है और लोगों का भरोसा भी उनपर बढ़ा है. मामा उपनाम के चलते ही लोगों में उनकी छवि एक ईमानदार मुख्यमंत्री के रूप में बनी है.
ये भी पढ़ें: Himachal Pradesh: हिमाचल के CM सुक्खू की तबीयत बिगड़ी, IGMC में भर्ती
चुनाव प्रचार में करते हैं इस नाम का जिक्र
शिवराज सिंह चौहान ने अपने इस उपनाम का चुनाव प्रचार में खूब प्रयोग किया है, इसीलिए इस बार भी वह जनसभा में खुद को मामा कहकर संबोधित कर रहे हैं. कुछ दिन पहले चौहान ने कह दिया अगर मैं चला गया तो बहनो बहुत याद आऊंगा. क्योंकि शिवराज सिंह चौहान की मतदाताओं में विशेषकर महिलाओं में अच्छी पकड़ रही है और वह हमेशा उन्हें बहन कहकर बुलाते हैं. साथ ही वो खुद को मामा बुलवाना पसंद करते हैं.
अपने चुनाव प्रचार में वह सिर्फ जनता दे दो ही सवाल पूछ रहे हैं कि, "क्या वो भाजपा को वोट देंगे, क्या वो मामा को मुख्यमंत्री बनाएंगे" जिसके जवाब में जनता सिर्फ "हां" ही कहती है. इसी हां के भरोसो शिवराज सिंह चौहान पांचवीं बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं. हालांकि इस बात की कोई गारंटी नहीं है. लेकिन चौहान उसे जीत का फॉर्मूला मान रहे हैं.
शिवराज सिंह चौहान प्रारंभिक जीवन
शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च, 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में हुआ. उनके पिता का नाम प्रेम सिंह चौहान और माता का नाम सुंदर बाई चौहान है. शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के मॉडल हायर सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई की है. उसके बाद उन्होंने भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की.
ये भी पढ़ें: Israel Hamas War: इजरायल-हमास की जंग में अब तक 7044 की मौत, गाजा में मारे गए 6546 लोग
13 साल की उम्र में RSS में हुए शामिल
वह 13 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हो गए. उसके बाद वह संगठन की छात्र शाखा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों पर रहे. वह 1970 के दशक में सक्रिय राजनीति में शामिल हुए. उसके बाद वह राजनीति में तेजी से सक्रिय हुए. 1990 में वह पहली बार बुधनी सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. उसी साल वह विदिशा सीट से लोकसभा चुनाव भी जीत गए. उसके बाद वह चार बार सांसद रहे.
2005 में पहली बार बने मुख्यमंत्री
नवंबर 2005 में, तत्कालीन भाजपा के मध्य प्रदेश प्रमुख रहते हुए उन्हें पहली बार राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके बाद उन्होंने बुधनी उपचुनाव लड़ा और 36,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. इसी सीट से वह पहली बार विधानसभा चुनाव जीते थे. जब उन्होंने 46 साल की उम्र में पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाला उससे पहले ही वह पांच बार सांसद रह चुके थे.
ये भी पढ़ें: Tarbandi Yojana: अब आवारा पशु नहीं पहुंचा पाएंगे फसल को नुकसान, सरकार दे रही है तारबंदी के लिए फंड
2018 में करना पड़ा हार का सामना
उन्होंने 1990 में अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता था. 2018 में, बीजेपी 15 सालों में पहली बार विधानसभा चुनाव जीतने में असफल रही और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री नहीं बन पाए, लेकिन चुनाव के ठीक एक साल बाद शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर से मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. ये चमत्कार ज्योतिरादित्य सिंधिया के कमल नाथ सरकार से किनारा करने के बाद हुआ. ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर अपने करीबी नेताओं के साथ बीजेपी में शामिल हो गए.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
TMKOC के को-स्टार समय शाह को याद आई सोढ़ी की आखिरी बातचीत, डिप्रेशन की खबरों पर तोड़ी चुप्पी
-
The Lion King Prequel Trailer: डिज़्नी ने किया सिम्बा के पिता मुफासा की जर्नी का ऐलान, द लायन किंग प्रीक्वल का ट्रेलर लॉन्च
-
Priyanka Chopra: शूटिंग के बीच में प्रियंका चोपड़ा नेशेयर कर दी ऐसी सेल्फी, हो गई वायरल
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें