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जेजेपी के हाथ सत्ता की चाभी, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद का फेंका पासा

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के रूझानों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है. हालांकि वह बहुमत के आंकड़े से अभी पीछे है. ऐसे में बीजेपी ने प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है.

Updated on: 24 Oct 2019, 11:40 AM

नई दिल्ली:

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के रूझानों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है. हालांकि वह बहुमत के आंकड़े से अभी पीछे है. ऐसे में बीजेपी ने प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है. इसके तहत जननायक जनता पार्टी को अपने खेमे में करने के लिए शतरंज की बिसात बिछा दी गई है. शह और मात के इस खेल में बीजेपी ने हरियाणा को अपनी नाक का सवाल बना लिया है. इसके लिए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को आगे कर कांग्रेस के सरकार बनाने के समीकरण ध्वस्त करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया गया है.

कांग्रेस ने फेंक सकती है मुख्यमंत्री पद का पासा
कांग्रेस की ओर से भी जेजेपी के सामने मुख्यमंत्री पद का पासा फेंका जा सकता है. अभी इस मामले में कांग्रेस के किसी बड़े नेता का आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए जेजेपी को समर्थन के बदले मुख्यमंत्री का पद देने के लिए सहमत हो सकती है. कांग्रेस के बड़े नेता इस मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को राजी करने में लगे हैं.

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बीजेपी ने शुरू की प्लान बी पर कवायद
सुबह सवा 11 बजे तक हरियाणा में शुरुआती रुझान में कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही है. अगर रुझान परिणामों में तब्दील होते हैं तो कांग्रेस राज्य में वापसी कर सकती है. हालांकि शुरुआती रुझानों में कांग्रेस और बीजेपी में अंतर बहुत ज्यादा नहीं है. फिर भी बीजेपी आलाकमान ने अपने प्लान बी पर काम शुरू कर दिया है. हरियाणा बीजेपी सूत्रों के मुताबिक सरकार बनाने के 46 के जादुई आंकड़े से अगर बीजेपी विधायकों की संख्या कुछ कम रहती है तो जननायक जनता पार्टी (JJP) को बीजेपी के साथ लाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को मध्यस्थता के लिए आगे किया जा सकता है.

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देवीलाल और बादल के दोस्ताना संबंध
दरअसल प्रकाश सिंह बादल और दुष्यंत चौटाला के दादा और पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय देवी लाल के परिवारों के दशकों पुराने दोस्ताना संबंध है और देवीलाल और प्रकाश सिंह बादल एक दूसरे को भाई मानते थे. इसी वजह से प्रकाश सिंह बादल की मदद से दुष्यंत चौटाला को अपने साथ लाने की तैयारी में है बीजेपी. मकसद सिर्फ यही है कि कांग्रेस को हर हाल में सत्ता से दूर रखना.