Lok Sabha Election 2019 : आइए जानते हैं सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की संसदीय क्षेत्र कन्नौज के बारे में
डिंपल ने 2014 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुब्रत पाठक को पटखनी दी थी, मोदी लहर के बावजूद बीजेपी इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में लोकसभा (LOK SABHA) की कुल 80 सीट हैं. इसमें कन्नौज भी एक लोकसभा सीट है. 2014 के लोकसभा चुनाव (LOK SABHA ELECTION 2019) में डिंपल यादव (DIMPLE YADAV) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी सुब्रत पाठक (SUBRAT PATHAK) को पटखनी दी थी. मोदी लहर में भी बीजेपी कन्नौज (KANNAUJ LOK SABHA SEAT) सीट पर काबिज नहीं हो सकी. यह लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी (SAMAJVADI PARTY) की सुरक्षित सीटों में से एक है. 1998 से लेकर अब तक इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है. मुलायम सिंह यादव भी यहां से सांसद रह चुके हैं. अखिलेश यादव यहां से लगातार तीन बार सांसद चुने गए. आगामी लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव फिर यहां से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है.
कन्नौज संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीट
कन्नौज संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 5 सीटें हैं. कन्नौज जिले में 3 औरैया में 1 और कानपुर देहात में 1 सीट है. छिबरामऊ (कन्नौज), तिर्वा (कन्नौज)
कन्नौज, बिधूना (औरैया) रसूलाबाद (कानपुर देहात) के अंतर्गत आता है.
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कन्नौज लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
कन्नौज लोकसभा सीट पर सबसे पहले 1967 में चुनाव हुआ था. 1967 में समयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के राम मनोहर लोहिया सांसद बने थे. 1971 से 1977 तक कांग्रेस से सत्य नारायण मिश्रा इस सीट पर काबिज रहे. 1977 में जनता पार्टी से राम प्रकाश त्रिपाठी सांसद निर्वाचित हुए. 1980 जनता पार्टी सेक्यूलर के छोटे सिंह यादव ने जीत दर्ज की. 1984 में शिला दीक्षित ने कांग्रेस को जीत दिलाई. 1989 में जनता दल से छोटे सिंह यादव सांसद चुने गए. 1991 में जनता पार्टी के छोटे सिंह यादव सांसद बने. 1996 में बीजेपी का खाता खुला. चंद्र भूषण सिंह सांसद बने.
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1998 में समाजवादी पार्टी से प्रदीप कुमार यादव इस पर अपना कब्जा जमा लिया. 1999 में समाजवादी पार्टी से मुलायम सिंह यादव सांसद चुने गए. 2000 में समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव सांसद बने. 2004 में अखिलेश यादव फिर से सांसद चुने गए. 2009 में भी अखिलेश यादव ने जीत दर्ज की. 2012 में अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए. उसके बाद इस सीट पर उपचुनाव होता है. उपचुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल ने जीत दर्ज की. 2014 में डिंपल यादव ने बीजेपी के सुब्रत पाठक पटखनी दी थी.
कन्नौज लोकसभी सीट में कुल मतदाता
कन्नौज लोकसभा सीट में कुल मतदाता 18 लाख 8 हजार 8 सौ 86 है. जिसमें पुरुषों की संख्या 55 प्रतिशत और महिलाएं की संख्या 44 प्रतिशत हैं. कन्नौज की कुल आबादी में 83 प्रतिशत जनसंख्या हिंदुओं की है. वहीं 16 प्रतिशत मुस्लिमों की है.
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2014 का लोकसभा चुनाव
2014 के लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव ने बीजेपी के सब्रत पाठक को कड़ी टक्कर दी थी. बीजेपी को यहां हार का सामना करना पड़ा था. मोदी लहर के बावजूद बीजेपी इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई. डिंपल यादव ने बीजेपी को भारी मतों से हराया था.
2019 का लोकसभा चुनाव
आगामी लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव खुद इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. इससे पहले उनको मुख्यमंत्री बनने के लिए इस सीट को छोड़ना पड़ा. 2018 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री नहीं बन पाए. इस बार खुद ही इस सीट पर चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं. देखना दिलचस्प होगा कि कौन इस सीट पर काबिज होते हैं.
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