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Exclusive: उत्तराखंड के पूर्व CM हरिश रावत ने कहा- प्रियंका गांधी बनेंगी PM मोदी के पतन का कारण

इस चुनावी जंग में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने न्यूज नेशन से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा.

Updated on: 25 Apr 2019, 02:51 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) को लेकर सियासी घमासान चरम पर है. सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता ताबड़तोड़ रैलियां कर चुनाव में जीत का दावा कर रहे हैं. इस चुनावी जंग में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने न्यूज नेशन से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. साथ ही हरीश रावत ने उत्तराखंड की सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार पर भी आरोप लगाए.

ज्योतिषियों का दावा एक महिला से शुरू होगा मोदी का पतन

हरीश रावत की माने तो दोषियों ने यह दावा किया है कि ,एक महिला की वजह से नरेंद्र मोदी का पतन शुरू होगा, बीजेपी का नुकसान होगा. वह महिला ही प्रियंका गांधी है. अगर प्रियंका गांधी चुनाव लड़ी तो, काशी छोड़कर भागते हुए नजर आएंगे नरेंद्र मोदी. मेरे सूत्रों की जानकारी के अनुसार पीएम मोदी अभी से 2 सीटों पर चुनाव लड़ने की रणनीति बना रहे हैं.

मुलायम सिंह की वजह से यूपी में खत्म हुई कांग्रेस

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर घमंड और गठबंधन की राजनीति नहीं करने का आरोप लगाया. इस पर जवाब देते हुए हरीश रावत ने कहा कि अखिलेश मेरे छोटे भाई हैं, लेकिन जब कांग्रेस पार्टी ने मुलायम सिंह यादव को समर्थन करने का फैसला किया, तब से ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को नुकसान होना शुरू हो गया.

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त्रिवेंद्र पर हरीश का ताजा हमला, देवभूमि को बनाया कर्जदार

कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह और मैं हम दोनों रावत हैं, हम दोनों के बीच प्रेम हैं. वह सत्ता पर आसीन है, मेरी उनसे सोशल मीडिया पर कोई जंग नहीं है. हां पर यह जरूर कहना चाहूंगा कि, जब मेरी सरकार सूबे में थी, तब बीजेपी आरोप लगाते थी कि, मेरी वजह से उत्तराखंड कर्जदार हुआ लेकिन हमने 3 सालों में जितना कर्ज लिया. 

उन्होंने कहा- त्रिवेंद्र सरकार ने 1 साल में ही उतना कर ले लिया. देवभूमि आज कर्जदार बन चुकी है. शायद यही वजह है कि, लोकसभा चुनाव में मोदी के नाम पर वोट मांगने को मजबूर हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत और वह अपने ढाई साल की सरकार का कामकाज नहीं गिना पा रहे.