Today History: भारत में पहले राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया, पढ़ें 23 नवंबर का इतिहास
जानेंगे आज 23 नवंबर को देश-दुनिया में क्या हुआ था, कौन सी बड़ी घटनाएं घटी थीं जिसने इतिहास के पन्नों पर अपना प्रभाव छोड़ा. जानेंगे, आज के दिन जन्में खास व्यक्तियों के बारे में और बात करेंगे उनकी जो दुनिया से इस दिन विदा होकर चले गए.
नई दिल्ली:
23 November 2020 History- इतिहास से अच्छा शिक्षक कोई दूसरा हो नहीं सकता. इतिहास सिर्फ अपने में घटनाओं को नहीं समेटे होता है बल्कि इन घटनाओं से भी आप बहुत कुछ सीख सकते हैं. इसी कड़ी में जानेंगे आज 23 नवंबर को देश-दुनिया में क्या हुआ था, कौन सी बड़ी घटनाएं घटी थीं जिसने इतिहास के पन्नों पर अपना प्रभाव छोड़ा. जानेंगे, आज के दिन जन्में खास व्यक्तियों के बारे में और बात करेंगे उनकी जो दुनिया से इस दिन विदा होकर चले गए.
और पढ़ें: नई शिक्षा नीति में वेद, पुराण, आयुर्वेद का ज्ञान फिर से स्थापित होगा : शिक्षाविद
आज की महत्वपूर्ण घटनाएं-
1857 - कोलिन कैंपबेल की अगुवाई में अंग्रेजों ने लखनऊ को क्रांतिकारियों के कब्जे से मुक्त कराया.
1926 - आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा का जन्म
1936 - फोटो पत्रकारिता में एक अलग पहचान रखने वाली पत्रिका लाइफ का पहला अंक प्रकाशित.
1937 - देश के जाने माने वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस का निधन.
1946 - बंदरगाह शहर हेइफोंग पर फ्रांस के नौसैनिक हमले में वियतनाम के 6000 नागरिकों की मौत.
1980 - इटली में भीषण भूकंप से 2600 लोगों की मौत.
1983 - भारत में पहले राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन का आयोजन. यह सम्मेलन राजधानी दिल्ली में आयोजित किया गया.
1984 - लंदन के व्यस्ततम ऑक्सफोर्ड सर्कस स्टेशन पर आग लगने से क़रीब एक हज़ार लोग तीन घंटे तक धुएं से भरी सुरंग में फंसे रहे.
1990 - ब्रिटेन के प्रसिद्ध लेखक रोल्ड डॉल का इंग्लैंड के आक्सफर्ड में निधन. डॉल को बच्चों के लिए अद्भुत साहित्य सृजन के लिए जाना जाता .
1996- इथियोपियाई एयरलाइंस के अदीस अबाबा से नौरोबी जा रहे बोइंग 767 विमान का अपहरण. ईंधन कम होने के कारण विमान हिंद महासागर में गिरा.
2001 - इस्राइल के एक हेलीकाप्टर ने पश्चिमी किनारे में एक वाहन पर दो मिसाइल दागकर इस्लामी कट्टरपंथी संगठन हमास के प्रमुख सदस्य महमूद अबु हनौद को मार गिराया.
2002 - नाइजीरिया में होने वाली विश्व सुंदरी प्रतियोगिता को वहां की बजाय लंदन में आयोजित करने का फैसला किया गया.
2011 - लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों के चलते यमन के राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह को 33 वर्ष के शासन के बाद इस्तीफा देना पड़ा.
(भाषा इनपुट के साथ)
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