HRD मिनिस्टर का बड़ा ऐलान- देश में 15 अगस्त के बाद खुलेंगे स्कूल-कॉलेज
छात्रों, शिक्षकों और परिजनों के सप्ताहभर के भ्रम के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि स्कूल-कॉलेजों को अगस्त 2020 के बाद फिर से खोला जाएगा.
नई दिल्ली:
छात्रों, शिक्षकों और परिजनों के सप्ताहभर के भ्रम के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (HRD Ramesh Pokhriyal Nishank ) ने कहा कि स्कूल-कॉलेजों को अगस्त 2020 के बाद फिर से खोला जाएगा. संभवतः देशभर में 15 अगस्त 2020 के बाद शैक्षणिक संस्थान खुल जाएं. उन्होंने मीडिया साक्षात्कार में यह बात कही है. उन्होंने कहा कि हर हाल में सभी परीक्षाओं के परिणाम 15 अगस्त तक घोषित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
पाठ्यक्रम 30 प्रतिशत कम हो, ऐहतियात के साथ स्कूलों को खोला जाए: सिसोदिया ने शिक्षा मंत्री को लिखा
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कोविड-19 महामारी से हुए नुकसान की भरपाई के लिये हर कक्षा के पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत की कमी करने की मांग करते हुए स्कूलों को उचित सावधानियों के साथ खोले जाने की वकालत की है. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को लिखे एक पत्र में सिसोदिया ने जोर दिया कि लोगों को अब कोरोना वायरस के साथ जीना सीखने की जरूरत है, ऐसे में बेहतर होगा कि स्कूलों जैसे पहले से मौजूद सीखने वाले स्थानों का इस भूमिका के लिये इस्तेमाल किया जाए.
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा स्कूल में मिलने वाली शिक्षा की पूरक हो सकती है, उसका स्थान नहीं ले सकती. अगर स्कूलों को बड़ी और साहसी भूमिका देने के लिए उन पर विश्वास न कर इस अवसर को जाने दिया गया तो यह ऐतिहासिक भूल होगी. उन्होंने कहा कि स्कूलों की महती भूमिका बच्चों को सिर्फ किताबों के कुछ सबक याद करा देने भर की नहीं बल्कि उन्हें बेहतर और जिम्मेदार जीवन के लिये तैयार करने की है.
सिसोदिया ने कहा कि सबसे पहले हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हर बच्चा, भले ही वह किसी भी उम्र या सामाजिक वर्ग का हो, हमारे लिये महत्वपूर्ण है और उन सभी का अपने विद्यालय की भौतिक व बौद्धिक सम्पदा पर समान अधिकार है. ऑनलाइन शिक्षा के शोर या पहले बड़े बच्चों को स्कूल आना चाहिए न कि छोटे बच्चों को, पर विराम लगना चाहिए.
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा विद्यालय में पढ़ाई की पूरक हो सकती है, उसका स्थान नहीं ले सकती. दिल्ली के शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी सिसोदिया निभा रहे हैं. उन्होंने सुझाव दिया, “सभी कक्षाओं और विषयों का पाठ्यक्रम कम से कम 30 प्रतिशत घटा देना चाहिए। जोर सीखने की गहराई और समझ विकसित करने पर दिया जाना चाहिए न कि विषय को विस्तार देने पर. इसे परीक्षा सुधारों के साथ जोड़ा जाना चाहिए.
सीबीएसई को 10वीं और 12वीं की एक बार परीक्षा लेने की जगह लगातार मूल्यांकन का प्रारूप अपनाना चाहिए जिससे छात्र जब चाहे ऑनलाइन परीक्षा दे सकें.
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