TAX वसूली बढ़ाने पर इनाम देने की योजना, बढ़ सकती है अफसरों की मनमानी
करदाताओं को अब कर विभाग की चोट खानी पड़ेगी. वे अब भ्रष्टाचार के अतिरिक्त अपना मूल्यांकन सुधारने के लिए उनपर बकाये का भुगतान करने का दबाव डालेंगे या अधिक सख्त आदेश व जुर्माना लगाएंगे.
नई दिल्ली:
प्रत्यक्ष कर के विवादों का समाधान करके कर वसूली से सरकार की तिजोरी भरने के मकसद से वित्त मंत्रालय ने अपीली आयकर अधिकारियों को उनके निष्पादन-कार्य के लिए प्रोत्साहन व पारितोषिक देने की योजना बनाई है. लेकिन वित्तीय व कर मामलों के विशेषज्ञों ने इसे 'आतंक दहशत व्यवस्था' की वापसी का संकेत बताया है. उनके अनुसार, इसके करदाताओं के लिए गंभीर दुष्परिणाम मिल सकते हैं.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल, 2018 को बकाये के रूप में 11.23 लाख करोड़ रुपये की रकम थी, हालांकि यह अस्थाई आंकड़ा है. पिछले साल यानी एक अप्रैल, 2017 के मुकाबले इसमें 10.52 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. आयकर बकाये की हालिया रकम अप्रैल 2014 के 5.75 लाख करोड़ रुपये से तकरीबन दो गुनी है. हालांकि, पिछले साल आयकर विभाग ने 44,633 करोड़ रुपये की नकदी जब्ती समेत 3.25 लाख करोड़ रुपये की वसूली करके बकाये की रकम में 31 फीसदी की कमी लाई. नकदी जब्ती या संग्रह छापेमारी में प्राप्त रकम है.
और पढ़ें : इन 6 गलतियों से डूब जाता है आपका बीमा का पैसा, समय रहते सुधार लें
लेकिन बकाये में कमी की यह बड़ी उपलब्धि वर्ष 2017-18 के दौरान 4.26 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त शुद्ध नकदी चालू मांग को लेकर क्षीण पड़ गई. 4.26 लाख करोड़ रुपये में से सिर्फ 76,641 करोड़ रुपये की ही वसूली हो पाई, जिसमें नकदी संग्रह 52,537 करोड़ रुपये है. इसके परिणामस्वरूप आयकर विभाग के अधिकारियों में खतरे की घंटी बज गई.
कुछ महीने पहले आंतरिक रूप से जारी गोपनीय केंद्रीय कार्य-योजना 2018-19 के अनुसार, बकाये की दावेदारी के लिए सीबीडीपी ने अब बकाया मांग में कमी का लक्ष्य बढ़ाकर कुल मांग का 40 फीसदी कर दिया है.
आयकर विभाग के अपीली; अधिकारी आज्ञा का अनुपालन सुनिश्चित कराएं, इसलिए उनको गुणवत्ता अपीली आदेश पारित करने के लिए दो अतिरिक्त इकाई प्रदान करने का फैसला लिया गया है. सरकार के साथ कर को लेकर किसी भी विवाद में करदाता अदालत जाने से पहले आयकर आयुक्त (अपील) के पास अपील करता है.
और पढ़ें : दूर हो जाएगी बच्चे की नौकरी की टेंशन, 2 हजार रुपए का ये है फॉर्म्यूला
आयकर आयुक्त (अपील) का प्रोत्साहन अपीली आदेश की गुणवत्ता के आधार पर तय होगा, जिसका फैसला वरिष्ठ अधिकारी तीन मानकों के आधार पर करेंगे. ये मानक होंगे आकलन में बढ़ोतरी, आदेश की पुष्टि और लगाया जाने वाला जुर्माना.
सूचना का अधिकार कार्यकर्ता और आयकर मामलों के विशेषज्ञ जे. पी. वघानी ने कहा, "इसका मतलब यह है कि करदाताओं को अब कर विभाग की चोट खानी पड़ेगी. वे अब भ्रष्टाचार के अतिरिक्त अपना मूल्यांकन सुधारने के लिए उनपर बकाये का भुगतान करने का दबाव डालेंगे या अधिक सख्त आदेश व जुर्माना लगाएंगे." वघानी ने मामले को लेकर अदालत में जनहित याचिका दायर की है.
चार्टर्ड अकाउंटेंट पागुर देसाई ने कहा, ‘नए दिशा-निर्देश से अपीली प्राधिकारी करदाताओं के प्रति ज्यादा आक्रामक हो जाएंगे, ताकि बकाये में कमी की जाए. जब आगे चुनाव है तो फिर इस तरह का कदम व्यापक स्तर पर उठाना क्या व्यावहारिक है?’
हालांकि कर आयुक्त व सीबीडीटी प्रवक्ता सुरभि अहलूवालिया ने कहा, ‘कर दहशत व्यवस्था का सवाल ही नहीं है. प्रोत्साहन के पीछे जो मंशा है, उसे बिल्कुल गलत समझा गया है.’ उन्होंने कहा कि सिर्फ अपीली प्राधिकरण ही जहां आवश्यक है वहां आकलन में बढ़ोतरी कर सकता है. आकलन आदेश में कमी को दूर कर सकता और जुर्माना लगा सकता है. उन्होंने आगे कहा, "इसलिए आयकर आयुक्त (अपील) की शक्ति का मतलब कई कर दहशत नहीं है."
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी