logo-image

महिला क्रिकेट : व्याट के शतक ने भारत से छीनी जीत

डेनियल व्याट की 124 रनों की पारी स्मृति मंधाना की 76 और मिताली राज की 53 रनों पर भारी पड़ी और इंग्लैंड की महिला टीम ने भारतीय टीम को त्रिकोणीय सीरीज के तीसरे मैच में रविवार को सात विकेट से हरा दिया।

Updated on: 25 Mar 2018, 04:38 PM

नई दिल्ली:

डेनियल व्याट की 124 रनों की पारी स्मृति मंधाना की 76 और मिताली राज की 53 रनों पर भारी पड़ी और इंग्लैंड की महिला टीम ने भारतीय टीम को त्रिकोणीय सीरीज के तीसरे मैच में रविवार को सात विकेट से हरा दिया।

भारत ने मंधाना और राज के अर्धशतकों के दम पर 20 ओवरों में चार विकेट के नुकसान पर 198 रन बनाए थे। इंग्लैंड ने व्याट की 64 गेंदों में खेली गई शतकीय पारी के दम पर इस लक्ष्य को 18.4 ओवरों में तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया।

सलामी बल्लेबाज व्याट ने शुरुआत से ही तेज खेल खेला। उन्होंने ब्रेयोनी स्मिथ के साथ पहले विकेट के लिए 5.2 ओवरों में 61 रन जोड़े। इसमें से सिर्फ 15 रन ही स्मिथ के थे। इसके बाद उन्होंने टैमी ब्यूमोंट (35) का साथ मिला और दोनों ने मिलकर टीम का 157 तक पहुंचा दिया। यहां दीप्ति शर्मा ने ब्यूमोंट को पवेलियन भेज दिया।

व्याट रुकी नहीं और उन्होंने तेजी से रन बनाना चालू रखा। उनकी पारी से टीम की जीत तय हो गई थी। व्याट की पारी का अंत भी दीप्ति ने 183 के कुल स्कोर पर किया। व्याट ने 64 गेंदों की अपनी पारी में 15 चौके और पांच छक्के लगाए।

नताली शाइवर (नाबाद 12) और हीदर नाइट (नाबाद 8) ने जीत की औपचारिकताओं को पूरा किया।

और पढ़ें: टेंपरिंग मामला: काम नहीं आई माफी, स्मिथ को छोड़नी पड़ी कप्तानी - टिम पेन को मिली कमान

इससे पहले, बल्लेबाजी का आमंत्रण मिलने पर पहली पारी खेलने उतरी भारतीय टीम को राज और मंधाना ने अच्छी शुरुआत दी। दोनों ने तेजी से रन बटोरते हुए पहले विकेट के लिए 12.5 ओवरों में 129 रनों की साझेदारी की।

मंधाना के रूप में भारत ने अपना पहला विकेट खोया। उन्होंने 40 गेंदों में 12 चौके और दो छक्के लगाए। राज 141 के कुल स्कोर पर ताश फेरांट का शिकार हुईं। वेदा कृष्णामूर्ति तीन रन ही बना सकीं। फेरांट ने कप्तान हरमनप्रीत कौर (30) को भी अपना शिकार बनाया। पूजा वस्त्राकर ने (नाबाद 22) और अनुजा पाटिल (नाबाद 2) ने भारत को 198 के कुल स्कोर तक पहुंचाया।

और पढ़ें: बॉल टेंपरिंग केस: बेनक्राफ्ट ने मानी गलती, स्मिथ ने कहा- ऐसा दोबारा नहीं होगा