गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetisation Scheme) में सुधार लाने के लिए मोदी सरकार ने इंडस्ट्री से मांगे सुझाव
गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetisation Scheme) का मकसद घरों में निष्क्रिय पड़े सोने का उत्पादक कार्यों में उपयोग करना है. केंद्र सरकार ने 2015 में स्वर्ण मौद्रिककरण योजना की शुरू की थी.
दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) ने स्वर्ण मौद्रिकरण योजना (Gold Monetisation Scheme) में सुधार को लेकर आभूषण उद्योग (Jewellery Industry) से सुझाव देने को कहा है. बता दें कि गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम का मकसद घरों में निष्क्रिय पड़े सोने का उत्पादक कार्यों में उपयोग करना है.
यह भी पढ़ें: सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम को लेकर मोदी सरकार ने किया बड़ा बदलाव, जानें इसकी खास बातें
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (Gem and Jewellery Export Promotion Council-GJEPC) द्वारा आयोजित पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए वाणिज्य मंत्री ने कहा कि निष्क्रिय पड़े सोने के उत्पादक कार्यों में उपयोग से आयात के कारण विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) पर पड़ रहे बोझ को कम किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें: मोदी सरकार ने सोने-चांदी के इंपोर्ट पर कसा शिकंजा, लगाई ये बड़ी पाबंदी
2015 में शुरू हुई थी गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम
बता दें कि केंद्र सरकार ने 2015 में स्वर्ण मौद्रिककरण योजना की शुरू की थी. हालांकि कम रिटर्न और सुरक्षा चिंताओं के कारण योजना को अच्छी प्रतिक्रया नहीं मिली. योजना के तहत बैंक निश्चित अविधि के लिये ग्राहकों को सोना जमा करने की अनुमति देता है. इस पर 2.25 प्रतिशत से 2.50 प्रतिशत ब्याज मिलता है. गोयल ने कहा कि मुझे लगता है कि लोगों की तिजोड़ी में बड़ी मात्रा में सोना निष्क्रिय पड़ा है. इससे न तो कोई रिटर्न मिलता है न ही अर्थव्यवस्था को लाभ होता है. मैं आप सभी से चाहूंगा कि ऐसी योजना बनाने में मदद करें जिससे इस योजना के प्रति आकर्षण बढ़े और लोग घरों में पड़े सोने को बैंकों में जमा करें.
यह भी पढ़ें: दाल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए यह बड़ा कदम उठाएगी मोदी सरकार
उन्होंने कहा कि हमारा मकसद लोगों को निष्क्रिय पड़े सोने को बैंकों में जमा करने के लिये प्रोत्साहित करना और उस पर आय प्राप्त करना होना चाहिए. वे मियादी जमा की तरह सोना रख सकते हैं और उसमें मूल्य वृद्धि के साथ कुछ रिटर्न हासिल कर सकते हैं. मंत्री ने उद्योग से मौजूदा योजना की खामियों के बारे में बताने और उसमें सुधार लाने के बारे में सुझाव देने को कहा.
यह भी पढ़ें: चीनी भी हो सकती है महंगी, पिछले साल से 35 फीसदी कम उत्पादन
स्कीम में क्या है जमा की अवधि
गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम में छोटी अवधि से लेकर मध्यम और लॉन्ग टर्म के लिए गोल्ड डिपॉजिट (Gold Deposit) करने की सुविधा है. छोटी अवधि के लिए गोल्ड डिपॉजिट की अवधि 1 से 3 साल के लिए है. इस अवधि के गोल्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज की दर बैंकों के ऊपर निर्भर है. वहीं दूसरी ओर मीडियम और लॉन्ग टर्म अवधि वाले गोल्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर फिक्स्ड रहता है.
यह भी पढ़ें: Petrol Rate Today 19 Dec 2019: आम आदमी की मुसीबत बढ़ी, डीजल हुआ महंगा, देखें लिस्ट
गोल्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज दर को रिजर्व बैंक (RBI) तय करता है. मौजूदा समय में मीडियम टर्म के लिए गोल्ड डिपॉजिट पर सालाना 2.25 फीसदी ब्याज मिल रहा है. मीडियम टर्म के लिए गोल्ड डिपॉजिट की जमा अवधि 5 से 7 साल है. (इनपुट भाषा)
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी