Coronavirus (Covid-19): देश के आर्थिक पटरी पर लौटने की उम्मीद को लगा बड़ा झटका, लगातार चौथे महीने घटी मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी
Coronavirus (Covid-19): आईएचएस मार्किट के भारत विनिर्माण खरीद प्रबंधकों का सूचकांक (PMI) जुलाई में 46 अंक पर रहा. एक माह पहले जून में यह 47.2 पर था.
नई दिल्ली :
Coronavirus (Covid-19): मांग कमजोर बने रहने से देश में जुलाई के दौरान विनिर्माण गतिविधियों (Manufacturing Activities) में संकुचन कुछ और बढ़ा है. लंबे लॉकडाउन (Lockdown) के बाद मांग कमजोर रहने से कल कारखानों ने अपने कर्मचारियों की संख्या में तो कमी की ही है खरीद गतिविधियां भी कम हुई हैं. एक मासिक सर्वेक्षण में सोमवार को यह कहा गया. आईएचएस मार्किट के भारत विनिर्माण खरीद प्रबंधकों का सूचकांक (PMI) जुलाई में 46 अंक पर रहा. एक माह पहले जून में यह 47.2 पर था.
यह भी पढ़ें: भारत-चीन में टकराव के बीच अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के पोर्टफोलियो में शामिल हो सकती है टिकटॉक
कोरोना वायरस महामारी का पड़ा असर
भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के मामले में यह लगातार चौथा माह रहा है जब इसमें कमी दर्ज की गई. पीएमआई विनिर्माण खरीद प्रबंधकों का सूचकांक लगातार 32 माह वृद्धि में रहने के बाद अप्रैल माह में संकुचन में आ गया. पीएमआई के 50 से ऊपर रहना गतिविधियों में वृद्धि को दर्शाता है जबकि इससे नीचे रहनो इसमें दबाव अथवा संकुचन को दर्शाता है. आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री एलियॉट केर ने कहा कि भारतीय विनिर्माताओं से प्राप्त ताजा पीएमआई के आंकड़े कोविड- 19 महामारी से अधिक प्रभावित देशों में शामिल देश की आर्थिक स्थिति पर अधिक प्रकाश डालते हैं. केर ने कहा कि सर्वेक्षण के परिणाम दिखाते हैं कि कारखानों में उत्पादन और नये आर्डर मिलने के महत्वपूर्ण सूचकांक में गिरावट फिर से बढ़ी है, इससे पिछले दो माह के दौरान जो स्थिरीकरण का रुझान दिख रहा था वह कमजोर पड़ गया.
यह भी पढ़ें: हफ्ते के पहले कारोबारी दिन महंगे हो सकते हैं सोना-चांदी, देखें आज की बेहतरीन ट्रेडिंग कॉल्स
उन्होंने कहा कि प्राप्त संकेत यह बताते हैं कि कंपनियां काम के लिये अभी जद्दोजहद में हैं, क्योंकि उनके कुछ खरीदार अभी भी लॉकडाउन में हैं. इससे पता चलता है कि जब तक संक्रमण दर कम नहीं होती है और प्रतिबंध नहीं हटते हैं गतिविधयों के जोर पकड़ने की संभावना नहीं है. सर्वेक्षण बताता है कि जून के मुकाबले जुलाई में संकुचन कुछ तेज हुआ है, क्योंकि मांग की स्थिति अभी भी कमजोर है. कई राज्यों में लॉकडाउन बढ़ने से कुछ व्यवसाय अभी भी बंद पड़े हैं.
यह भी पढ़ें: पंजाब नेशनल बैंक की मिस्ड कॉल सुविधा के जरिए मुफ्त में चेक करें अकाउंट बैलेंस
निर्यात आर्डर में भी गिरावट देखी गई है. सर्वेक्षण में भाग लेने वालों का कहना है कि उनके अंतरराष्ट्रीय खरीदार आर्डर देने में हिचकिचा रहे हैं क्योंकि महामारी को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है. कमजोर मांग की स्थिति के चलते भारतीय विनिर्माताओं ने जुलाई में कर्मचारियों की संख्या में कटौती को जारी रखा है. हालांकि, सर्वेक्षण में कोविड- 19 के जारी नकारात्मक प्रभाव के बावजूद लगातार दूसरे माह भविष्य की गतिविधियों को लेकर धारणा में सुधार देखा गया.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
May 2024 Masik Rashifal: आप सभी के लिए मई का महीना कैसा रहेगा? पढ़ें संपूर्ण मासिक राशिफल
-
Parshuram Jayanti 2024: कब है परशुराम जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का सही तरीका
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर नहीं ला पा रहे सोना-चांदी तो लाएं ये चीजें, बेहद खुश होंगी मां लक्ष्मी
-
Astro Tips: क्या पुराने कपड़ों का पौछा बनाकर लगाने से दुर्भाग्य आता है?