भारत में किस क्षेत्र में होती है सबसे ज्यादा बासमती की बुआई, जानिए टॉप वैरायटी
पूसा बासमती की 1121 किस्म को 2005 में रिलीज किया गया था. इस चावल की सबसे बड़ी खासियत इसका लंबा होना है. जानकारी के मुताबिक 1121 चावल का साइज 12 एमएम से भी ज्यादा है.
highlights
- चावल एक्सपोर्ट (Rice Export) में 1121 चावल की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है
- 1509 धान के पैदावार में बुआई से लेकर कटाई तक 110-115 दिन का समय लगता है
नई दिल्ली:
बासमती चावल (Basmati Rice) के ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (Protected GI) टैग के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान में खींचतान चल रही है. गौरतलब है कि भारत ने यूरोपियन यूनियन (European Union) में बासमती चावल के ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (Geographical Indication) के लिए आवेदन किया है. वहीं पाकिस्तान को भारत का यह कदम नागवार है और वह यूरोपीय कमीशन में भारत के इस आवेदन का विरोध कर रहा है. भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे खींचतान के बीच जानने की कोशिश करते हैं कि भारत में बासमती की कौन-कौन सी वैरायटी है और किस वैरायटी का एक्सपोर्ट किया जाता है. बता दें कि भारत में पंजाब और हरियाणा में बासमती धान की सबसे ज्यादा बुआई होती है और उसमें भी पंजाब में पूरे देश में सबसे ज्यादा बासमती चावल का उत्पादन होता है.
यह भी पढ़ें: आयकर फाइलिंग पोर्टल को लेकर Infosys के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि का बड़ा बयान
पूसा बासमती-1121
पूसा बासमती की 1121 किस्म को 2005 में रिलीज किया गया था. इस चावल की सबसे बड़ी खासियत इसका लंबा होना है. जानकारी के मुताबिक 1121 चावल का साइज 12 एमएम से भी ज्यादा है. जानकारी के मुताबिक चावल एक्सपोर्ट (Rice Export) में 1121 चावल की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है. 1121 धान की औसत पैदावार 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक अधिकतम पैदावार हो सकती है. जानकारी के मुताबिक 1121 धान में सुधार करके नई किस्म पूसा बासमती 1718 आई है. नई किस्म में बीएलबी (बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट) नामक बीमारी नहीं लगती है. हालांकि बाकी सभी खासियत एक जैसी ही है.
पूसा बासमती 1509
पूसा बासमती 1509 किस्म सात से आठ साल पुरानी है. 1509 धान को बहुत कम समय में पैदा किया जा सकता है. इसके पैदावार में बुआई से लेकर कटाई तक 110-115 दिन का समय लगता है. 1509 का औसत उत्पादन 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. हालांकि अधिकत 65 क्विंटल तक उत्पादन किया जा सकता है. कम अवधि में पैदा होने की वजह से यह धान किसानों के लिए काफी फायदेमंद है. पंजाब, हरियाणा, यूपी, हिमाचल और उत्तराखंड में बुआई के लिए 1509 एक अच्छी किस्म मानी जाती है.
यह भी पढ़ें: बासमती की क्या है कहानी, कैसे भारत बन गया सबसे बड़ा एक्सपोर्टर
पूसा बासमती-1637
पूसा बासमती-1637 करीब 2 साल पुरानी किस्म है. इस किस्म को यूरोप और अमेरिका में काफी पसंद किया जाता है. दरअसल, इस किस्म में कम बीमारी लगती है इसलिए कीटनाशक का इस्तेमाल भी बहुत कम होता है. पूसा बासमती-1637 की बुआई से लेकर कटाई तक 140 दिन का समय लगता है. इस धान की औसत पैदावार 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. इसके अलावा पूसा बासमती 6 (पूसा 1401), पूसा 1460, सुगंधा बासमती और पूसा बासमती 1 बासमती की बेहतरीन किस्में हैं.
पाकिस्तान में जल्दबाजी में जीआई रजिस्ट्री बनाई
जानकारों का कहना है कि भारत के बासमती चावल को जीआई टैग मिलने पर पाकिस्तान को यूरोपीय देशों में पाकिस्तानी बासमती चावल के लिए दरवाजे बंद होने का खतरा लग रहा है. यही वजह है कि वह भारत के जीआई टैग के दावे का विरोध कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस समस्या के समाधान के लिए पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने के इरादे से जल्दबाजी में एक जीआई रजिस्ट्री भी बनाई और जनवरी 2021 में ज्योग्राफिकल इंडिकेशन एक्ट, 2020 के तहत पाकिस्तान में जीआई टैग हासिल कर लिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने यह कदम अपने यहां पैदा होने वाली बासमती चावल का जीआई रजिस्ट्रेशन यूरोपीय यूनियन में करवाने के लिए उठाया था.
यह भी पढ़ें: UP बनने जा रहा है बिजनेस हब, 40 विदेशी कंपनियां कर रही हैं बड़ा निवेश
2015 में भारत ने अपने देश में करा लिया था जीआई रजिस्ट्रेशन
जानकारों का कहना है कि किसी भी देश को दूसरे देश में जीआई के रूप में रजिस्टर्ड कराने के लिए उसे सबसे पहले अपने देश में जीआई रजिस्ट्रेशन लेना होगा. बता दें कि 2015 में भारत ने अपने देश में बासमती चावल का जीआई रजिस्ट्रेशन करा लिया था. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया और वह बगैर जीआई टैग के ही बासमती चावल की बिक्री करता रहा, जिसकी वजह से दूसरे देशों में भारतीय बासमती चावल के मुकाबले पाकिस्तान के बासमती को कारोबार के मोर्चे पर काफी नुकसान उठाना पड़ा. जानकार कहते हैं कि इन सब वजहों से मध्यपूर्व के ज्यादातर मुस्लिम देश भी भारत की बासमती चावल को ही पसंद करते हैं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Vindu Dara Singh Birthday: मुस्लिम लड़की से शादी करके पछताए विंदू दारा सिंह, विवादों में रही पर्सनल लाइफ
-
Heeramandi: सपने में आकर डराते थे भंसाली, हीरामंडी के उस्ताद इंद्रेश मलिक ने क्यों कही ये बात
-
Sonali Bendre On South Cinema: बहुत मुश्किल है साउथ फिल्मों में काम करना, सोनाली बेंद्रे ने क्यों कही ये बात?
धर्म-कर्म
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
Aaj Ka Panchang 6 May 2024: क्या है 6 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल
-
Love Rashifal 6 May 2024: इन राशियों का आज पार्टनर से हो सकता है झगड़ा, जानें अपनी राशि का हाल
-
Somwar Ke Upay: सोमवार के दिन करें ये चमत्कारी उपाय, शिव जी हो जाएंगे बेहद प्रसन्न!