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'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' विवाद: मुस्लिम धर्मगुरुओं के निशाने पर फिल्म, फतवा किया जारी, कानूनी कार्रवाई की धमकी

प्रकाश झा की फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' के साथ एक और विवाद जुड़ गया है।

Updated on: 26 Feb 2017, 09:10 AM

नई दिल्ली:

प्रकाश झा की फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' के साथ एक और विवाद जुड़ गया है। फिल्म में बुर्के के इस्तेमाल को लेकर मुस्लिम धर्मगुरू इसका विरोध कर रहे हैं। भोपाल की मुस्लिम त्यौहार कमेटी की मजलिस-ए-शूरा ने मूवी के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है। इस फतवे में फिल्म और इससे जुड़े तमाम लोगों का बहिष्कार करने का फरमान सुनाया गया है। साथ ही कानूनी कार्रवाई करने की भी धमकी दी है।

गौरतलब है कि 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' फिल्म की रिलीज से पहले ही यह विवादों में आ गई है। इस मूवी को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने यह कहकर सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया है कि महिला प्रधान इस फिल्म में लगातार उत्तेजक दृश्यों और अपशब्दों की भरमार है। यह अप्रत्यक्ष रूप से समाज के एक विशेष वर्ग के संवेदनशली मुद्दे को दर्शाती है।

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कमेटी के अध्यक्ष डॉ. औसाफ शाहमीरी खुर्रम ने कहा कि बुर्का इस्लाम का नियम है। अगर कहीं पर बुर्के को लेकर बेइज्जती की जाती है तो यह इस्लाम की भी बेइज्जती होगी। इसी वजह से फिल्म के खिलाफ फतवा जारी किया गया है और इससे जुड़े लोगों का बायकॉट किया जाएगा। उन्हें भोपाल में कभी घुसने नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि फिल्म की शूटिंग भोपाल में हुई है।

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दूसरी तरफ फिल्म को बैन करने के बाद पूरा बॉलीवुड एकजुट होकर इसका विरोध कर रहा है। एक्टर से लेकर डायरेक्टर तक सेंसर बोर्ड के इस कदम की निंदा कर रहे हैं। वहीं सीबीएफसी के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का कहना है कि बोर्ड को फिल्म के टाइटल में इस्तेमाल किए गए 'बुर्का' शब्द को लेकर नहीं बल्कि कंटेट को लेकर आपत्ति है। यह फिल्म महिलाओं के सशक्तिकरण को तो दिखाती है, लेकिन इसे दिखाने का तरीका गलत है।

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