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Bihar: बिहार सरकार की लापरवाही से नहीं बना दूसरा एम्स, यहां पढ़ें पूरी जानकारी

साल 2015-16 के अपने बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिहार में आम जन के लिए एक नया एम्स बनाने या खोलने का ऐलान किया था.

Updated on: 20 Jun 2019, 03:06 PM

highlights

  • बिहार सरकार ने नहीं दी एम्स के लिए जमीन.
  • साल 2015-16 के बजट में था प्रस्तावित.
  • एम्स बनाने के लिए 200 एकड़ जमीन की थी जरुरत.

नई दिल्ली:

बिहार (Bihar) में दिमागी बुखार या आम भाषा में 'चमरी बुखार' बच्चों की जाने ले रहा है. इस बुखार से 117 बच्चों की जान जा चुकी है. इस बीच यह महत्वपूर्ण प्रश्न ये उठता है कि बिहार में अब तक दूसरा एम्स क्यों नहीं बन पाया क्योंकि नीतीश सरकार ने पिछले चार साल से राज्य में दूसरे प्रस्तावित एम्स के लिए ज़मीन आवंटित नहीं की है. इसी कारण भारत सरकार ने दरभंगा मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल को ही एम्स की तर्ज़ पर अपग्रेड करके का फैसला किया.

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साल 2015-16 के अपने बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिहार में आम जन के लिए एक नया एम्स बनाने या खोलने का ऐलान किया था. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने बार-बार बिहार सरकार से संपर्क किया कि बिहार में एम्स खोलने के लिए 3-4 वैकल्पिक जगहों की जानकारी दें लेकिन चार साल तक नीतीश सरकार ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया. बिहार में एम्स बनने के लिए करीब 200 एकड़ जमीन की जरुरत थी.

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19 दिसंबर 2017 को ही तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने राज्य सभा में कहा था कि राज्य सरकार से बिहार में एक नया एम्स खोलने के लिए 3-4 वैकल्पिक जगहों की पहचान करने की गुज़ारिश की गई है, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक वैकल्पिक जगहों की पहचान नहीं की है. लेकिन राज्य सरकार की लापरवाही के चलते आज बिहार में दूसरा एम्स नहीं खोला जा सका और आज बिहार में करीब 117 बच्चों की जान जा चुकी है.