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इलेक्ट्रिक वाहन को अगर बढ़ावा देना है तो शुल्क घटाना जरूरी है, महिंद्रा एंड महिंद्रा का बड़ा बयान

महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) ने कहा कि टाटा (Tata), हुंडई , एमजी मोटर्स और मारूति सुजूकी (Maruti Suzuki) जैसी कंपनियां ई-वाहन श्रेणी में उतर रही हैं, इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ेगी.

Updated on: 10 Jan 2020, 11:43 AM

दिल्ली:

देश की प्रतिष्ठित ऑटोमोबाइल कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) ने कहा है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक क्षेत्र के तौर पर वित्तपोषण देने और चुनिंदा कल-पुर्जों पर शुल्क घटाने की जरूरत है. कंपनी ने कहा कि टाटा (Tata), हुंडई (Hyundai), एमजी मोटर्स (MG Motors) और मारूति सुजूकी (Maruti Suzuki) जैसी अन्य कंपनियां ई-वाहन श्रेणी में उतर रही हैं, इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ेगी.

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इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियां दाम कम करने की दिशा में काम करें: महिंद्रा एंड महिंद्रा
कंपनी ने कहा कि सरकार ने ई-वाहन श्रेणी को बढ़ावा देने के लिये अपने हिस्से का काम कर दिया है. अब यह विनिर्माताओं की जिम्मेदारी है कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें कम करने की दिशा में काम करें, जिससे इन वाहनों को निजी उपयोग के अनुकूल बनाया जा सके. कंपनी के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका (Pawan Kumar Goenka) ने इस मौके पर कहा कि सरकार को जो करना था, वह कर चुकी है. इलेक्ट्रिक वाहनों का सपना हालिस करना अब बहुत दूर नहीं है क्योंकि अन्य कंपनियां भी इस श्रेणी में उतर रही हैं. टाटा ने अपने वाहनों की घोषणा कर दी है, हुंदै ने कोना की पेशकश की है, एमजी ने भी इलेक्ट्रिक वाहन उतारे हैं, मारूति सुजूकी इलेक्ट्रिक वाहनों की बातें कर रही है, इससे हम आने वाले समय में बाजार में अधिक इलेक्ट्रिक वाहन देखेंगे.

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उन्होंने कहा कि जब लोगों के लिये अधिक वाहन उपलब्ध होंगे, निश्चित तौर पर इनकी स्वीकार्यता बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि अब यह कंपनियों की जिम्मेदारी है, वे आगे आयें और ई-आवागमन को किफायती बनाएं गोयनका ने कहा कि मूल उपकरण विनिर्माताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें आठ से दस प्रतिशत कम करने की जरूरत है. हम इसपर काम कर रहे हैं. कम कीमत से इनकी बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी. महिंद्रा एंड महिंद्रा अभी ई-वेरिटो और ई20 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री कर रही है. कंपनी की विशिष्टता के बारे में गोयनका ने कहा कि कंपनी ई-वेरिटो की कीमत मौजूदा 12 लाख रुपये से घटाकर 11 लाख रुपये करना चाहेगी. ऐसा करने के लिये हम स्थानीयकरण पर ध्यान दे रहे हैं. बैटरियों की लागत कम होने से भी हमें मदद मिल रही है. अभी बैटरी के आयात पर पांच प्रतिशत शुल्ग लगता है, यदि इसे कम किया जाता है तो वाहनों के दाम कम-से-कम 20 हजार रुपये कम होंगे.

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गोयनका ने इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों के बारे में कहा कि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों की पुनर्बिक्री को मिल सकने वाली कीमत को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, और इस कारण वे ऋण देने में हिचकते हैं. उन्होंने कहा कि अभी इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन पर ब्याज की दरें डीजल और सीएनजी वाहनों की तुलना में पांच-छह प्रतिशत अधिक है. यदि ईवी को कम दर पर प्राथमिक वित्तपोषण मिले तो इस क्षेत्र की वृद्धि को गति मिलेगी. कंपनी ने बताया कि उसने इलेक्ट्रिक वाहनों का बेड़ा चलाने वाली लिथियम अर्बन टेक्नोलॉजीज के साथ दीर्घकालिक करार किया हुआ है. इसके तहत उसके बेड़े में 1,000 महिंद्रा इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हो गये हैं.

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गोयनका ने कहा कि हम लिथियम के साथ मिलकर 1,000 महिंद्रा ईवी और 10 करोड़ ईकिलोमीटर की उपलब्धि को हासिल कर प्रसन्न हैं. हमारी साझेदारी का उद्देश्य ईवी को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए प्रेरित करना और उपभोक्ताओं के दैनिक आवागमन में सकारात्मक बदलाव लाना है. गोयनका ने इस मौके पर बताया कि कंपनी की योजना अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ई-केयूवी100 पेश करने की है, जिसकी कीमत नौ लाख रुपये से कम रहेगी. कंपनी 2021 में इलेक्ट्रिक एक्सयूवी300 भी उतारेगी, जो व्यक्तिगत इस्तेमाल की श्रेणी में कंपनी का पहला इलेक्ट्रिक वाहन होगा.