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मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस सत्‍ता में आई तो कौन बनेगा मुख्‍यमंत्री? कमलनाथ या ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया

पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनावों के बाद आए Exit Poll में मध्‍य प्रदेश में कांटे की टक्‍कर बताई जा रही है. कुछ एग्‍जिट पोल तो कांग्रेस की सत्‍ता में वापसी के दावे भी कर रहे हैं.

Updated on: 08 Dec 2018, 11:35 AM

नई दिल्ली:

पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनावों के बाद आए Exit Poll में मध्‍य प्रदेश में कांटे की टक्‍कर बताई जा रही है. कुछ एग्‍जिट पोल तो कांग्रेस की सत्‍ता में वापसी के दावे भी कर रहे हैं. अगर कांग्रेस वाकई मध्‍य प्रदेश की सत्‍ता में आती है तो कौन बनेगा मुख्‍यमंत्री (Kaun Banega Mukhyamantri)? प्रदेशाध्‍यक्ष कमलनाथ या फिर ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया. मुख्‍यमंत्री पद को लेकर दोनों में जोर-आजमाइश तब से चल रही है जब से राहुल गांधी ने कमलनाथ को प्रदेशाध्‍यक्ष का पद सौंपा. मुख्‍यमंत्री पद के लिए पार्टी में कभी ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया का पलड़ा भारी दिखा तो कभी कमलनाथ का.

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प्रदेशाध्‍यक्ष बनने के बाद से कमलनाथ लगातार यह अहसास कराने की कोशिश करते रहे कि मुख्‍यमंत्री पद के लिए उनका पलड़ा भारी है. उनके बयानों में भी यह बात झलकती रही. एक बार चुनाव प्रचार के दौरान उनका यह बयान चर्चा में रहा, कुछ सरकारी कर्मचारी सरकार के दबाव में हैं, वे संभल जाएं. ऐसे लोगों को मैं बता देना चाहता हूं कि मेरी चक्‍की बहुत तेज चलती है और बहुत बारीक पीसती है. राजनीतिक हलकों में कमलनाथ के बयान का मतलब निकाला गया कि अगर कांग्रेस को सत्‍ता मिलती है तो कमलनाथ ही मुख्‍यमंत्री बनेंगे.
वहीं दूसरी ओर, ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया लगातार इस तरह के बयानों को लेकर असहज होते रहे. हालांकि उन्‍होंने कभी सार्वजनिक मंचों से मुख्‍यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर उठ रहे सवालों को हमेशा टाल दिया, लेकिन इशारों में ही सही वे खुद को भी मुख्‍यमंत्री पद का दावेदार जरूर मानते हैं. तभी तो ग्‍वालियर संभाग में उनके मुख्‍यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर तमाम पोस्‍टर लगाए गए थे. ऐसे ही पोस्‍टर महाकौशल संभाग में कमलनाथ को लेकर लगाए गए थे. अगर कांग्रेस को सत्‍ता मिलती है तो फिलहाल मुख्‍यमंत्री पद की दौड़ में मध्‍य प्रदेश के ये दोनों नेता आगे चल रहे हैं.

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हालांकि इन दोनों के अलावा दिग्‍विजय सिंह के करीबी अरुण यादव की भी दावेदारी की चर्चाएं हैं. बता दें कि अरुण यादव मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ बुधनी से चुनाव लड़े. एक बार दिग्‍विजय सिंह ने भी संकेतों में अरुण यादव के पक्ष में बड़ी बात कही थी. दिग्‍विजय सिंह ने कहा था, शिवराज सिंह चौहान भी 2003 में मेरे खिलाफ चुनाव मैदान में थे और आज वह प्रदेश के मुख्‍यमंत्री हैं. उसी तरह अरुण यादव शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं और वह भी आगे चलकर प्रदेश के बड़े नेता बनेंगे. शायद उनका इशारा मुख्‍यमंत्री पद को लेकर था.

बहरहाल सत्‍ता मिलने पर कोई एक मुख्‍यमंत्री बनेगा और बाकी अन्‍य की भावनाएं आहत होंगी और बीच-बीच में मुख्‍यमंत्री को इन नेताओं से चुनौती मिलती रहेगी. इस बीच सबको मतगणना का इंतजार है. असली रिजल्‍ट आने तक कयासबाजी का दौर चलता रहेगा.