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ISRO News: गगनयान मिशन में शामिल होगी महिला पायलट! जानें इसरो चीफ ने ऐसा क्यों कहा

इसरो अगले वर्ष अपने मानव रहित गगनयान अंतरिक्ष यान में एक महिला ह्यूमनॉइड (एक रोबोट जो मानव जैसा दिखता है) को भेजेगा.

Updated on: 22 Oct 2023, 09:41 PM

highlights

  • भविष्य में ऐसी महिला उम्मीदवारों का पता लगाना होगा: सोमनाथ
  • महिलाओं के लिए अधिक संभावनाएं हैं: सोमनाथ
  • इसरो का लक्ष्य 2035 तक अंतरिक्ष स्टेशन बनाना है

नई दिल्ली:

इसरो (ISRO) अपने अगले गगनयान मिशन को लेकर किसी महिला को चुन सकता है. इसरो चीफ एस.सोमनाथ ने इसे लेकर एक बयान भी दिया है. उनके अनुसार, स्पेस एजेंसी अपने महत्वाकांक्षी ‘गगनयान’ मिशन को लेकर लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिला पायलटों या महिला वैज्ञानिकों आगे रख सकती है. इन्हें भविष्य में भेजना संभव होगा. उन्होंने कहा कि इसरो अगले वर्ष अपने मानव रहित गगनयान अंतरिक्ष यान में एक महिला ह्यूमनॉइड (एक रोबोट जो मानव जैसा दिखता है) को भेजेगा. उनका कहना है कि इसरो का लक्ष्य तीन दिन के लिए गगनयान मिशन में मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा से अंतरिक्ष में भेजना है. इसके बाद उन्हें पृथ्वी पर सुरक्षित  वापस लाना है.

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सोमनाथ ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इसमें किसी तरह का कोई संदेह नहीं है. मगर हमें भविष्य में ऐसी महिला उम्मीदवारों का पता लगाना होगा. आपको बता दें कि भारत ने शनिवार को महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया. कुछ तकनीकी खामियों की वजह से प्रक्षेपण को चार सेकंड पहले रोक दिया गया. मगर इसके दो घंटे से कम समय बाद इस मिशन को पूरा कर लिया गया. 

सोमनाथ ने कहा कि मानवयुक्त मिशन 2025 तक पूरा होने की  उम्मीद है. यह एक छोटी अवधि का मिशन होगा. उन्होंने कहा कि इस मिशन के लिए उम्मीदवार वायुसेना के लड़ाकू विमानों के पायलटों में से एक हो सकता है. उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी महिला पायलट नहीं हैं. ऐसे में अगर कोई उम्मीदवार मिलता है तो उसे चुनने का प्रयास होगा. ” वहीं  दूसरा विकल्प है जब अधिक वैज्ञानिक गतिविधियां सामने आएंगी. फिर वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्री बनकर आएंगे. उस समय मेरा मानना है कि महिलाओं के लिए अधिक संभावनाएं हैं.”

इसरो चीफ ने कहा कि इसरो का लक्ष्य 2035 तक पूरी तरह से परिचालन वाला अंतरिक्ष स्टेशन बनाना है. इसरो के अनुसार, मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान से पहले टीवी-डी1 परीक्षण यान को शनिवार सुबह 10 बजे के आसपास सफलता से प्रक्षेपित किया. यहां  पर क्रू मॉड्यूल रॉकेट से अगल होकर बंगाल की खाड़ी में गिर गया.