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53 रोहिंग्या मुसलमान छात्रों को यूनिवर्सिटी स्कॉलरशिप देगी तुर्की सरकार

म्यांमार के अशांत पश्चिमी राज्य रखाइन से आने वाले छात्र तुर्की के विभिन्न विश्वविद्यालयों में संचार, कानून, राजनीति और मानवाधिकार जैसे विषयों की पढ़ाई करेंगे।

Updated on: 03 Oct 2017, 11:13 AM

highlights

  • रोहिंग्या छात्र विश्वविद्यालयों में संचार, कानून, राजनीति और मानवाधिकार जैसे विषयों की पढ़ाई करेंगे
  • तुर्की सरकार रोहिंग्या मुसलमानों के लिए भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी प्रबंध कर रही है

नई दिल्ली:

तुर्की सरकार ने 53 रोहिंग्या मुसलमान छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी स्कॉलरशिप देने की घोषणा की है। तुर्की के उप-प्रधानमंत्री ने कहा है कि ये सभी छात्र तुर्की के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करेंगे।

तुर्की के उप-प्रधानमंत्री ने कहा कि म्यांमार के अशांत पश्चिमी राज्य रखाइन से आने वाले छात्र तुर्की के विभिन्न विश्वविद्यालयों में संचार, कानून, राजनीति और मानवाधिकार जैसे विषयों की पढ़ाई करेंगे।

उन्होंने कहा कि कई रोहिंग्या छात्र अभी तुर्की के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि तुर्की सरकार रोहिंग्या मुसलमानों के लिए भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी प्रबंध कर रही है।

उप-प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम शरणार्थी कैंपों में मोबाइल स्वास्थ्य क्लीनिक भी स्थापित करेंगे।'

म्यांमार के रखाइन प्रांत में हुई हिंसा की घटना के बाद 5 लाख से अधिक रोहिंग्या बांग्लादेश में शरण लिए हुए हैं। इस हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जानें गई थी और कई अन्य विस्थापित हो गए थे।

म्यांमार की सेना ने रखाइन प्रांत में पिछले साल हुए 3 बॉर्डर पोस्ट पर हुए हमले के बाद कड़ी कार्रवाई की थी। बॉर्डर पोस्ट पर हुए हमले में 9 पुलिस के जवानों की मौत हो गई थी।

इसी घटना के बाद रोहिंग्या मुसलमान लगातार बांग्लादेश और भारत में शरण लेने के लिए भाग रहे हैं। बता दें कि म्यांमार रोहिंग्या को अपना नागरिक नहीं मानती है और उनके द्वारा उन्हें बंगाली बुलाया जाता है।

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