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Seychelles में महात्मा गांधी, नेल्सन मंडेला की मूर्तियां तोड़ी गईं, भारत ने की कड़ी निंदा

सेशेल्स में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि महात्मा गांधी का मानवता और उपनिवेशवाद के खिलाफ शांतिपूर्ण संघर्ष का संदेश सार्वभौमिक रूप से प्रासंगिक है और इसने दुनिया भर में अहिंसक संघर्ष को प्रेरित किया है.

Updated on: 08 Jan 2023, 08:25 AM

highlights

  • विक्टोरिया के पीस पार्क में नेल्सन मंडेला के बगल में लगी है बापू की प्रतिमा
  • पीस पार्क में जून  2022 में महात्मा गांधी की प्रतिमा का हुआ था अनावरण
  • बीते साल अमेरिका के भी दो शहरों में बापू की प्रतिभा के साथ हुई बदसलूकी

विक्टोरिया:

सेशेल्स (Seychelles) में भारतीय उच्चायोग ने राजधानी विक्टोरिया शहर में पीस पार्क स्थित महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) की मूर्तियों के साथ की गई बदसलूकी की निंदा की है. भारतीय मिशन ने एक बयान में कहा, 'भारतीय उच्चायोग विक्टोरिया के पीस पार्क में स्थित महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला की मूर्तियों को खंडित (Vandalised) किए जाने की कड़ी निंदा करता है.' जून  2022 में विक्टोरिया के पीस पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया गया था. गांधी की मूर्ति को सेशेल्स के संस्थापक राष्ट्रपति सर जेम्स माचम और दक्षिण अफ्रीका के पहले राष्ट्रपति और रंगभेद विरोधी क्रांतिकारी और राजनीतिक नेता नेल्सन मंडेला के बगल में रखा गया था.

दोषियों के जल्द पकड़े जाने की उम्मीद
सेशेल्स में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि महात्मा गांधी का मानवता और उपनिवेशवाद के खिलाफ शांतिपूर्ण संघर्ष का संदेश सार्वभौमिक रूप से प्रासंगिक है और इसने दुनिया भर में अहिंसक संघर्ष को प्रेरित किया है. बयान में कहा गया है, 'पीस पार्क में उनकी प्रतिमा भारत और सेशेल्स के बीच ऐतिहासिक और सौहार्दपूर्ण संबंधों की भी प्रतीक है.' भारतीय उच्चायोग ने सेशेल्स के अधिकारियों को इस बाबत त्वरित स्तर पर उठाए गए उनके कदमों के लिए धन्यवाद भी दिया. इसके साथ ही आशा व्यक्त की कि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा.

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दुनिया के कई अन्य देशों में पहले भी बापू की मूर्तियों को किया जा चुका है खंडित
गौरतलब है कि सेशेल्स से पहले भी दुनिया के अन्य हिस्सों में बापू की प्रतिमा को तोड़े जाने की अन्य घटनाएं सामने आई हैं. पिछले साल अगस्त में न्यूयॉर्क शहर में छह लोगों ने दस्तकारी का बेहतरीन नमूना करार दी गई महात्मा गांधी की एक मूर्ति को नष्ट कर दिया गया था. इससे पहले फरवरी 2022 में मैनहट्टन के पास यूनियन स्क्वायर में गांधी की आदमकद प्रतिमा को तोड़ दिया गया था. उक्त दोनों ही मामलों में भारतीय उच्चायोग ने कड़ी निंदा की थी. यही नहीं, इन घटनाओं पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय को न सिर्फ झटका लगा था, बल्कि उन्हें गहन निराशा भी हुई थी.