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मोदी, ओली ने जनकपुर-अयोध्या बस सेवा की शुरुआत की

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनके नेपाली समकक्ष केपी शर्मा ओली ने शुक्रवार को रामायण सर्किट के हिस्से के रूप में जनकपुर से उत्तर प्रदेश के अयोध्या को जोड़ने वाली सीमा पार बस सेवा की शुरुआत की।

Updated on: 11 May 2018, 08:55 PM

नई दिल्ली:

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनके नेपाली समकक्ष केपी शर्मा ओली ने शुक्रवार को रामायण सर्किट के हिस्से के रूप में जनकपुर से उत्तर प्रदेश के अयोध्या को जोड़ने वाली सीमा पार बस सेवा की शुरुआत की।

मोदी हिमालयी राष्ट्र के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने अपने दौरे की शुरुआत राम जानकी मंदिर से की। मोदी ने यहां ओली के साथ विशेष 'षोडशोपचार' पूजा की। मोदी ऐसा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।

मोदी ने ओली से कहा, 'आपने यहां जिस तरीके से मेरा स्वागत किया, मैं उससे बहुत खुश हूं।'

प्रधानमंत्री मोदी ने ओली से कहा, 'मेरे भाई, यह स्वागत सभी भारतीयों का सम्मान है।'

यह मोदी का तीसरा नेपाल दौरा है।

बस सेवा का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा, 'रामायण सर्किट पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायता करेगा। यह दोनों देशों में लोगों के बीच संबंधों की मजबूत नींव बनाने का काम करेगा।'

यह सर्किट मोदी के 650 किलोमीटर संपर्क परियोजना बनाने का हिस्सा है। इस मौके पर ओली ने कहा कि बस सेवा लोगों के बीच संपर्क बढ़ाएगी।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्मान में शहर के रंगभूमि मैदान में आयोजित अभिनंदन समारोह में हिस्सा लिया। यहां हजारों लोग मौजूद रहे। मोदी को 121 किलो वजन की फूलों की माला पहनाकर सम्मानित किया गया।

सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, 'जानकीधाम के बगैर अयोध्या अधूरी है। इसी तरह भारत के बगैर नेपाल अधूरा है और भारत नेपाल के बगैर अधूरा है। हमारे संबंध धार्मिक हैं, जो गहरे विश्वास व इतिहास पर आधारित हैं व एक-दूसरे के पूरक हैं।'

मोदी ने कहा कि रामायण सर्किट में जनकपुर जुड़ेगा, जबकि लुम्बिनी बौद्ध सर्किट में शामिल होगा।

उन्होंने मैथिली में कहा, 'हमरा लोकनिक संबंधक कोई परिभाषा नहि अछि, मुदा ई भाषा पर आधारित अछि (हमारे संबंधों की कोई परिभाषा नहीं है, लेकिन ये भाषा पर आधारित हैं)।'

उन्होंने बाद में नेपाली भाषा में कहा, जिसका आशय है, 'हमारे संबंध कूटनीति, रणनीति व राजनीति से पहले हैं। यह देवनीति है.. सरकार में बदलाव मायने नहीं रखता हमारे संबंध एक सामान बने रहेंगे।'

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मोदी ने नेपाल व भारत के बीच संबंधों की व्याख्या के लिए रामचरितमानस की एक छोटी सी चौपाई पढ़ी।

उन्होंने कहा, 'भारत, नेपाल से संपर्क परियोजनाओं जैसे- रेल, जमीन व जलमार्गो से जुड़ना चाहता है। हम नेपाल को गैस पाइपलाइन के जरिए जोड़ रहे हैं ..हम सीमा पार ट्रांसमिशन लाइन के विकास पर भी काम कर रहे हैं।'

मोदी ने नागरिक अभिनंदन में भाग लेने के बाद प्रांत संख्या 2 व जनकपुर इलाके के विकास के लिए एक अरब रुपये की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नेपाल की केंद्रीय व प्रांतीय सरकारें परियोजनाओं का चयन करेंगी और इसका क्रियान्वयन करेंगी।

संघीय सरकार के मंत्री ईश्वर पोखरेल, हिरिराज मणि पोखरेल व मत्रिका यादव इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।

जनकपुर में अपने कार्यक्रमों को पूरा करने के बाद मोदी काठमांडू पहुंचे जहां वे राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से एक शिष्टाचार मुलाकात करेंगे और ओली के साथ वार्ता करेंगे।

मोदी पूर्वी नेपाल के संखुवासभा जिले में अरुण तृतीय जलविद्युत परियोजना की आधारशिला वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रखेंगे। इसे भारत के सतलुज जल विद्युत निगम के तहत विकसित किया जाएगा।

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