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पाकिस्तान वास्तव में कंगाल होने पर; इमरान खान ने फिर बोला झूठ, अर्थव्यवस्था 68 साल में पहली बार ऋणात्मक

कोरोना महामारी (Corona Virus) के फैलने से पहले ही दिवालिया होने की कगार पर खड़ी पाकिस्तानी (Pakistan) अर्थव्यवस्था के लिए यह महामारी विनाशकारी साबित हुई है.

Updated on: 20 May 2020, 06:50 AM

इस्लामाबाद:

कोरोना महामारी (Corona Virus) के फैलने से पहले ही दिवालिया होने की कगार पर खड़ी पाकिस्तानी (Pakistan) अर्थव्यवस्था के लिए यह महामारी विनाशकारी साबित हुई है. पाकिस्तान में 68 साल में यह पहली बार हुआ है जब अर्थव्यवस्था (Economy) की विकास दर ऋणात्मक (माइनस में) हो गई है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सचिव (नियोजन) जफर हसन की अध्यक्षता में हुई नेशनल अकाउंट्स कमेटी की बैठक में बताया गया कि कोरोना महामारी, लॉकडाउन और फसलों पर टिड्डी दलों के हमले ने अर्थव्यवस्था को तगड़ा नुकसान पहुंचाया है और नतीजे में यह 68 साल में पहली बार माइनस में चली गई है. इससे पहले साल 1952 में कुछ समय के लिए संकुचन की यही स्थिति आई थी.

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बैठक के बाद जारी बयान में बताया गया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में देश की आर्थिक विकास की दर माइनस 0.38 फीसदी रही है. केवल कृषि क्षेत्र में सकारात्मक 2.7 फीसदी की वृद्धि देखी गई है, हालांकि यह भी लक्ष्य से कम है. औद्योगिक, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में विकास दर माइनस में रही है. इसकी वजह से 30 जून को समाप्त हो रहे वित्तीय वर्ष 2019-20 में विकास दर ऋणात्मक 0.38 फीसदी दर्ज की गई है. डालर के संदर्भ में प्रति व्यक्ति आय भी 6.1 फीसदी घटी है.

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नेशनल अकाउंट्स कमेटी ने इमरान खान सरकार के पहले कार्यकाल (वित्तीय वर्ष 2019-20) के लिए प्रोविजनल जीडीपी दर को 3.1 फीसदी से घटाकर अब महज 1.9 फीसदी बताया है जोकि बीते ग्यारह वर्षो में सबसे कम है. गौरतलब है कि इमरान सरकार के 3.3 फीसदी विकास दर के दावे पर पूर्व वित्त मंत्री हाफिज पाशा व अन् विशेषज्ञों ने पहले ही सवाल उठाया था और कहा था कि यह दर महज 1.9 फीसदी रही है. अब खुद सरकार ने उनकी बात पर मुहर लगा दी है.