logo-image

SCO Meeting: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो गोवा में एससीओ बैठक में लेंगे भाग

2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत का दौरा किया था. भारत ने आगामी विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए पाकिस्तान और चीन सहित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्यों को औपचारिक रूप से निमंत्रण भेजा है.

Updated on: 20 Apr 2023, 02:35 PM

highlights

  • साल 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार भारत आई थीं
  • बिलावल भुट्टो विदेश मंत्री एस जयशंकर के निमंत्रण पर एससीओ बैठक में लेंगे भाग
  • भारत ने पिछले साल सितंबर में 9-सदस्यीय इस समूह की अध्यक्षता संभाली थी

इस्लामाबाद:

पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी (Bilawal Bhutto Zaedari) गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए इस मई में भारत (India) का दौरा करेंगे. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अनुसार बिलावल भुट्टो-जरदारी गोवा में 4-5 मई को होने वाली एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने गुरुवार को एक साप्ताहिक प्रेस के दौरान कहा कि बिलावल भुट्टो-जरदारी विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) के निमंत्रण पर एससीओ-सीएफएम बैठक में भाग ले रहे हैं. इस वर्ष की एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) और भारत की जी20 (G20)अध्यक्षता के मद्देनजर हो रही है.

हिना रब्बानी खार के बाद आ रहे हैं बिलावल भुट्टो
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा, 'गोवा बैठक में हमारी भागीदारी एससीओ चार्टर और प्रक्रिया के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता और पाकिस्तान द्वारा अपनी विदेश नीति की प्राथमिकताओं में क्षेत्र को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है.' बिजनेस रिकॉर्डर की रिपोर्ट के अनुसार बिलावल लगभग 12 वर्षों के अंतराल के बाद भारत आने वाले पहले विदेश मंत्री होंगे. 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत का दौरा किया था. भारत ने आगामी विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए पाकिस्तान और चीन सहित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्यों को औपचारिक रूप से निमंत्रण भेजा है.

यह भी पढ़ेंः Karnataka Elections:10 गांव चुनाव का करेंगे बहिष्कार या दबाएंगे नोटा का बटन, जानें वजह

भारत को सितंबर में मिली थी एससीओ की अध्यक्षता
चीनी विदेश मंत्री किन गैंग और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के भी बैठक में भाग लेने की संभावना है. भारत ने पिछले साल सितंबर में 9-सदस्यीय इस समूह की अध्यक्षता संभाली थी. इस कड़ी में इस साल प्रमुख मंत्रिस्तरीय बैठकें और शिखर सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे. गौरतलब है कि पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के मुद्दों पर दोनों देशों के बीच संबंध कई वर्षों से अनिश्चित रहे हैं. यहां तक ​​कि इस्लामाबाद किसी भी वार्ता से पहले जम्मू और कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग करता आ रहा है.

यह भी पढ़ेंः Extremely Cautious: भारत का 90 प्रतिशत क्षेत्र, तो पूरी दिल्ली लू के 'खतरे' में... समझें जोखिम को

ये देश हैं एससीओ के सदस्य
इस 20 साल पुराने संगठन में रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान समेत चार मध्य एशियाई देश क्रमशः कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सदस्य हैं. ईरान इसका सदस्य बनने वाला नवीनतम देश है और भारतीय अध्यक्षता में पहली बार पूर्ण सदस्य के रूप में समूह की बैठक में भाग लेगा. शंघाई सहयोग संगठन की पिछली बैठक उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई थी. प्रधान मत्री नरेंद्र मोदी ने उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लिया था. सितंबर 2022 में एससीओ के राज्य प्रमुखों की परिषद की 22वीं बैठक किर्गिस्तान के बिश्केक में एससीओ नेताओं की जून 2019 की बैठक के बाद पहली व्यक्तिगत शिखर बैठक थी.