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Finland Elections: दक्षिणपंथी विपक्ष की चुनाव में बहुमत से जीत, सबसे युवा PM सना की हार

चुनाव परिणामों में राष्ट्रीय गठबंधन पार्टी 20.7 प्रतिशत मत के साथ शीर्ष पर रही. इसके बाद लोकप्रिय दक्षिणपंथी पार्टी द फिन्स को 20.1 प्रतिशत वोट मिले, जबकि सना मारिन की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ने 19.9 प्रतिशत मत हासिल किए.

Updated on: 03 Apr 2023, 08:46 AM

highlights

  • संसदीय चुनाव में सबसे कम उम्र की पीएम सना मारिन की पार्टी हारी
  • वोट शेयरिंग में सना की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी रही तीसरे स्थान पर
  • जीत के बावजूद पेटेरी ओर्पो को सरकार बनाने में आएंगी मुश्किलें

हेलसिंकी:

फिनलैंड (Finland) की धुर दक्षिणपंथी (Right Wing) विपक्षी राष्ट्रीय गठबंधन पार्टी ने स्थानीय समयानुसार रविवार  को संसदीय चुनाव (Parliamentry Elections) में भारी बहुमत से जीत दर्ज की. फिनलैंड की राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारण कंपनी येलिसराडियो ओए के अनुसार पेटेरी ओर्पो (Petteri Orpo) की नेशनल कोएलिशन पार्टी को 93.4 फीसदी से ज्यादा वोट मिले. इसका सीधा सा मतलब यह है कि फिनलैंड को बहुत जल्द नया प्रधानमंत्री मिल जाएगा. इस संसदीय चुनाव में सबसे कम उम्र की वर्तमान प्रधानमंत्री सना मारिन (Sanna Marin) की सोशल डेमोक्रेट्स पार्टी तीसरे स्थान पर रही. इस चुनाव में कट्टरपंथी दक्षिणपंथी पार्टी को सात नए सांसद प्राप्त किए. उसे इस संसदीय चुनाव में 20 प्रतिशत वोट हासिल हुए.

गठबंधन सरकार की तीन पार्टियों को भारी नुकसान
चुनाव परिणामों में राष्ट्रीय गठबंधन पार्टी 20.7 प्रतिशत मत हासिल कर के साथ शीर्ष पर रही. इसके बाद लोकप्रिय दक्षिणपंथी पार्टी द फिन्स को 20.1 प्रतिशत वोट मिले, जबकि सना मारिन की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ने 19.9 प्रतिशत मत हासिल किए. इस संसदीय चुनाव में सेंटर पार्टी, वाम गठबंधन और ग्रीन्स को मौजूदा पांच-पार्टी गठबंधन में उनकी भागीदारी के बावजूद बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा. उक्त तीनों पार्टियों के नेताओं ने कहा कि इन चुनाव परिणामों के बाद उनके लिए सरकार में वापसी मुश्किल होगी.

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पेटेरी ओर्पों के लिए आसान नहीं आगे की राह
फिनलैंड की राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारण कंपनी येलिसराडियो ओए के अनुसार ओर्पो को संसदीय चुनाव के बाद सरकार बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उनकी पहली प्राथिमकता तो यही है कि वह विपक्षी राष्ट्रीय गठबंधन की सभी पार्टियों के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर एकराय बना सके. फिर सरकारी कार्यक्रम का मसौदा तैयार करने की संभावना का पता लगाने के लिए प्रत्येक पक्ष को राजी करें. एक बार ये काम पूरा हो जाने पर ही वह अपने पसंदीदा गठबंधन सहयोगियों के साथ बातचीत के जरिये अगले चार वर्षों के लिए एक योजना तैयार कर सकेंगे.

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फिनलैंड की जीडीपी के 70 फीसदी के बराबर है कर्ज
गौरतलब है कि राष्ट्रीय गठबंधन ने लगभग दो वर्षों तक चुनावों में नेतृत्व किया. हालांकि हाल के महीनों में इसकी बढ़त कम हो गई.  इसने खर्च पर अंकुश लगाने और सार्वजनिक ऋण को बढ़ने से रोकने का वादा किया है. अल जज़ीरा के अनुसार वर्तमान पीएम सना मारिन के 2019 में पद संभालने के बाद से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 70 प्रतिशत से अधिक तक सार्वजनिक ऋण पहुंच गया है.