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G20 summit से देश को मिली संजीवनी, जानें कहां कितना हुआ फायदा

G20 summit: जी20 शिखर सम्मेल की अपार सफलता के बाद कई लोगों के जहन में सिर्फ एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर भारत को इससे मिला क्या है. ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब इस आर्टिकल के माध्यम से देने का प्रयास किया गया है.

Updated on: 13 Sep 2023, 09:47 AM

highlights

  • एक्सपर्ट की नजर से देश को कई सेक्टर्स में हुआ है लाभ 
  • रूस-यूक्रेन युद्ध समेत सभी मुद्दों पर भारत ने छोड़ी छाप
  • चुनौतियों को लेकर भी खुलकर बोले एक्सपर्ट, कुछ चुनौतियों से भी पड़ेगा निपटना

नई दिल्ली :

G20 summit: हाल ही में दुनिया ने भारत का दम देखा है. जी-20 के सफल आयोजन के बाद कई लोगों के मन में ये सवाल आता है कि आखिर इसका इतना हल्ला क्यों मचा है. आपको बता दें जी20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किसी बड़ी उपलब्धी से कम नहीं है. कई मायनों में भारत के लिए जी20 किसी संजीवनी से कम भी नहीं है. क्योंकि दुनिया का भारत के प्रति नजरिया अब बदल गया है.  अब दुनियाभर के व्यापारी यहां आकर निवेश करने की संभावनाएं तलाशने लगे हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, जी20 से हुए फायदों को धरातल पर लाने के लिए भारत के सामने कई चुनौतियां भी हैं. आइये जानते हैं आखिर किन-किन सेक्टर्स में भारत दुनिया के लिए संभावनाओं का देश बन गया है.. 

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अमेरिका और रूस हुए नजदीक
जिस तरह से जी-20 के दौरान अमेरिका और रूस भारत के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम करने के लिए कई मामलों में नजदीक आए हैं. उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि . भारत अब बिना किसी हिचक के दोनों महाशक्तियों के साथ आगे बढ़ सकता है. आपको बता दें कि दोनों ही देशों से भारत ने कुछ न कुछ समझौता जरूर किया है. चाहे नयी तकनीक हस्तांतरण या व्यापारिक समझौते की बात हो या रूस के साथ परंपरागत तेल, फर्टिलाइजर, रक्षा सौदों एवं दूसरी चीजों को लेकर व्यापार दोनों ही देश भारत के साथ काम करने के लिए रजामंद है. जिससे देखा जा सकता है भारत की शक्ति जी20 के बाद और बढ़ गई है... 

वैश्विक मंच पर बढ़ी स्वीकार्यता
दरअसल,  पिछले लगभग डेढ सास ले रूस और युक्रेन का युद्ध चल रहा है.  जी20 के बाद शायद युद्ध पर कुछ समझौता हो जाए. क्योंकि दिल्ली घोषणा पत्र में रूस-यूक्रेन युद्ध समेत सभी मुद्दों पर सर्वसम्मति लाकर भारत ने वैश्विक राजनीति में एक अमिट छाप छोड़ दी है. विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भारत को अब और अधिक सम्मान के साथ देखा एवं सुना जाएगा. जिससे अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत का सम्मान न सिर्फ बढ़ा है. बल्कि दुनियाभर में भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है. इसलिए यह भी एक बड़ी उपलब्धी है. जो जी20 के बाद भारत के खाते में गई है. 

भारत को आसानी से मिलेगी वित्तीय मदद
आपको बता दें कि जी-20 के दिल्ली घोषणापत्र में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में व्यापक सुधार को लेकर चर्चा हुई है. इसके बाद यह कहना भी अतिश्योक्ति नहीं होगी कि भारत को अब कोई भी देश वित्तीय मदद देने में भी पीछे नहीं हटेगा. जिसके बाद सरकार कल्याणकारी योजनाओं के तहत खर्च कर पायेगी जिसका सीधा फ़ायदा देश के आख़िरी छोर पर मौजूद व्यक्ति को मिल सकेगा. क्योंकि भारत ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर एक अमिट छाप छोड़ी है.