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Smart Village: अब दूर-दराज के गांव भी होंगे स्मार्ट, फर्राटे से चलेगा इंटरनेट, ये है सरकार की योजना

Smart Village: आज के युग में बिना इंटरनेट के जीवन की कल्पना करना बहुत मुश्किल है. कई लोग तो गांव छोड़कर शहर इसलिए ही बस गए, क्योंकि गांव में इंटरनेट की स्पीड अच्छी नहीं आती. लेकिन अब सुदूर गांव के लोगों को भी हाईस्पीड का लाभ मिलेगा. इसके लिए सरकार न

Updated on: 13 Apr 2023, 01:31 PM

highlights

  • ग्रामीण इंटरनेट स्पीड की वजह  से अपने काम नहीं कर पाते संपादित 
  • कोरोनाकाल के बाद कुछ लोग परमानेंट ही गांव में जाकर हो गए सैटल 
  • सरकार ने सुदूर गांवों में भी शानदार स्पीड के साथ इंटरनेट को दी मंजूरी

नई दिल्ली :

Smart Village: आज के युग में बिना इंटरनेट के जीवन की कल्पना करना बहुत मुश्किल है. कई लोग तो गांव छोड़कर शहर इसलिए ही बस गए, क्योंकि गांव में इंटरनेट  की स्पीड अच्छी नहीं आती. लेकिन अब सुदूर गांव के लोगों को भी हाईस्पीड का लाभ मिलेगा. इसके लिए सरकार ने प्लान तैयार किया है.  जिसके बाद दूर-दराज गांव में भी इंटरनेट की शानदार स्पीड़ आएगी. सरकार के प्लान से दूरदराज इलाकों में इंटरनेट की पहुंच तो होगी ही. साथ ही इंटरनेट से मिलने वाले कामों को भी डवलप किया जाएगा. आइये जानते हैं क्या है सरकार की योजना?

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फाइबर ऑप्टिकल नेटवर्क से जुड़ेंगे गांव 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,  सरकार नेशलन हाईवे के साथ फाइबर ऑप्टिकल नेटवर्क को जोड़ना चाहती है.  यानि हाईवों के साथ फाइबर ऑप्टिकल बिछाने का काम भी किया जाएगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अपने नए और पुराने हाईवे पर इंटरग्रेट्रेड पब्लिक यूटिलिटी कॉरिडोर बनाएगी, जिसका इस्‍तेमाल ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) के ढांचे के निमार्ण में किया जाएगा. जिससे दूर दराज के गांव में इंटरनेट की स्पीड के लिए काम किया जाएगा. ताकि गांव के लोगों को इंटरनेट के लिए शहरों की ओर मूव न करना पड़े. 

2025 तक मिलेगी सुविधा 
आपको बता दें कि बता दें कि डाक फाइबर ऑप्‍टिकल ऐसे ऑप्‍टिकल हैं, जिनका अभी तक इस्‍तेमाल नहीं हुआ है. अब टेलीकॉम कंपनिया डाक फाइबर लीज पर ले सकती है . जिसके बाद सुदूर गांवों में भी इंटरनेट को बढ़ावा मिल सकता है. हालांकि सरकार ने ही अभी मंजूरी दी है. ये काम टेलीकॅाम कंपनियां कब तक शुरू करेंगी इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है. जानकारी के मुताबिक सरकार का लक्ष्‍य 18000 किलोमीटर ओएफसी ढांचे का निर्माण करना है, जो पूरे देश को कवर करेगा. बताया जा रहा है कि 2025 तक पूरे देश में यह सुविधा मिलने लगेगी.