Insurance In India: महामारी के बाद भी नहीं जागरूक हुए लोग, देश में 95% आबादी के पास नहीं है इंश्योरेंस
Insurance In India : नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी (National Insurance Academy) की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट समाने आई है. 73 फीसदी के पास नहीं है कोई हेल्थ इंश्योरेंस.
नई दिल्ली:
बीमा को लेकर अभी भी देश में जागरुकता कम है. 2020 में आई महामारी कोरोना के बाद ऐसा लगा था कि लोग बीमा को लेकर ज्यादा गंभीर होंगे और इंश्योरेंस को लेने वालों में तेजी देखने को मिलेगी. मगर एक रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा हुआ है. नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी (National Insurance Academy) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की करीब 95 फीसदी आबादी ऐसी है, जिसके पास बीमा ही नहीं है. महज पांच फीसदी आबादी के पास इंश्योरेंस है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी ने गुरुवार को भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के चेयरमैन देवाशीष पांडा ने इन आंकड़ों का जारी किया है. इन आंकड़ों के अनुसार, भारत में मात्र 5 फीसदी आबादी के पास इंश्योरेंस कवर है.
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बीमा को लेकर जागरुकता फैलाने वाले कई दावे इस रिपोर्ट के बाद फेल होते नजर आ रहे हैं. ये चौंकाने वाले हैं. कोरोना महामारी के बाद बीमा की अहमियत सबसे अधिक सामने आई थी. मगर सरकार व बीमा नियामक IRDAI की कई कोशिशों के बाद भी लोग बीमा कराने को लेकर उतना जागरुक नहीं दिखाई दे रहे हैं. IRDAI चेयरमैन देवाशीष पांडा की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीमा कंपनियों को इस दिशा में बेहतर प्रयास की जरूरत है. रिपोर्ट की मानें तो निम्न और मध्यम आय के साथ तटीय क्षेत्रों, सेकेंड और थर्ड कैटेगरी वालें लोगों के पास बीमा नहीं है. यह आंकड़ा 77 फीसदी है.
73 प्रतिशत आबादी बिना हेल्थ इंश्योरेंस के
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 73 फीसदी आबादी स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) के दायरे में भी नहीं आती है. देश में प्राकृतिक आपदाओं और अन्य जलवायु संबंधी आपदाओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. मगर बीमा इंश्योरेंस में बढ़ोतरी नहीं है. देवाशीष पांडा का कहना है कि हाई रिस्क वाले क्षेत्रों में एक अनिवार्य प्राकृतिक आपदा बीमा की जरूरत होती है. इस रिपोर्ट में इसकी सिफारिश भी की गई है.
भारत में बीमा का कारोबार लगातार तेजी से बढ़ रहा है. इसका दायरा लगाता बढ़ रहा है. इस समय 34 सामान्य बीमा कंपनियां और 24 जीवन बीमा (Life Insurance) कंपनियां सक्रिय हैं. इसमें से 15 से 20 फीसदी की तेजी से बढ़ेतरी हुई है. इसके बाद भी लोगों के अंदर बीमा में दिलचस्पी में नहीं है. IRDAI के अनुसार, देश की जीडीपी (India GDP) में बीमा सेवाओं का अहम रोल है. बैंकिंग सर्विसेज के साथ बीमा सेवाएं जीडीपी मे करीब 7 फीसदी का योगदान दे रही हैं.
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