सुवेंदु अधिकारी ने ममता से अकेले मिलने से किया मना, विधायकों के साथ गए
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बुलावे पर उनसे शिष्टाचार मुलाकात की, लेकिन उनके साथ आमने-सामने की मुलाकात से परहेज किया. सुवेंद अधिकारी तीन अन्य भाजपा विधायकों के साथ राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे. शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार विपक्ष को जगह नहीं देकर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर रही है. बहस के तुरंत बाद, विधानसभा के मार्शल ने अधिकारी को सूचित किया कि मुख्यमंत्री उनके साथ अपने कमरे में बैठक करना चाहती हैं.
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बुलावे पर उनसे शिष्टाचार मुलाकात की, लेकिन उनके साथ आमने-सामने की मुलाकात से परहेज किया. सुवेंद अधिकारी तीन अन्य भाजपा विधायकों के साथ राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे. शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार विपक्ष को जगह नहीं देकर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर रही है. बहस के तुरंत बाद, विधानसभा के मार्शल ने अधिकारी को सूचित किया कि मुख्यमंत्री उनके साथ अपने कमरे में बैठक करना चाहती हैं.
हालांकि, अधिकारी ने अकेले जाने के बजाय साथी बीजेपी विधायक मनोज तिग्गा, अशोक लाहिड़ी और अग्निमित्रा पॉल को अपने साथ चलने के लिए कहा. बाद में, अधिकारी ने मीडियाकर्मियों से कहा, अगर मैं मुख्यमंत्री से उनके कमरे में अकेले मिला होता, तो इससे बहुत सारी राजनीतिक अफवाहें और बहसें हो सकती थीं. इसलिए जैसे ही मुझे सूचित किया गया कि मुख्यमंत्री का मुझसे मिलने का इरादा है, मैंने मनोज तिग्गा, अशोक लाहिड़ी और अग्निमित्रा पॉल को मेरे साथ चलने के लिए कहा.
हालांकि, अधिकारी ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया कि बैठक के दौरान क्या चर्चा हुई. उन्होंने कहा, यह एक साधारण, शिष्टाचार मुलाकात थी. मुख्यमंत्री ने भी इस मुलाकात पर कोई टिप्पणी नहीं की है. हालांकि सीएम बनर्जी ने अधिकारी के राज्य सरकार विपक्ष को जगह नहीं देकर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर रही है इस आरोप का जवाब दिया.
ममता बनर्जी ने कहा- विपक्षी दल को विधानसभा की नौ स्थायी समितियों में अध्यक्ष पद के लिए प्रस्ताव दिया गया था. इसके विपरीत, संसद की एक भी स्थायी समिति का अध्यक्ष के रूप में तृणमूल कांग्रेस का कोई सांसद नहीं है. मैं विपक्ष के नेता को अपना छोटा भाई मानती हूं. वह अक्सर जनता की सरकार, जनता के लिए और जनता द्वारा की बात करते हैं. लेकिन अब लगता है कि सब कुछ एजेंसी का, एजेंसी के लिए और एजेंसी द्वारा है.
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