प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने केदारनाथ में चल रहे कार्यों का जायजा लिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी ली तथा ड्रोन के माध्यम से उनका अवलोकन भी किया.
देहरादून:
विकास परियोजनाओं को पर्यावरण अनुकूल बनाए जाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने केदारनाथ धाम विकास और पुनर्निर्माण परियोजना की बुधवार को वीडियो कॅान्फ्रेंसिंग के जरिये उत्तराखंड सरकार के साथ समीक्षा की. प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे पवित्र स्थलों के लिए विकास परियोजनाओं की संकल्पना के साथ उसका डिजाइन इस प्रकार तैयार करना चाहिए जो समय की कसौटी पर खरा उतरे और पर्यावरण के अनुकूल हो.
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ केदारनाथ धाम विकास और पुनर्निर्माण परियोजना की वीडियो कॅान्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए . वर्तमान स्थिति में इन तीर्थस्थलों में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में तुलनात्मक रूप से आई कमी के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि निर्माण कार्य के वर्तमान समय का उपयोग श्रमिकों के उचित वितरण द्वारा लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन साथ ही हमें उचित दूरी बनाए रखने के नियम को भी ध्यान में रखना होगा.
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इससे बेहतर बुनियादी ढांचा और सुविधाएं तैयार करने में मदद मिलेगी. बयान के अनुसार, इस तीर्थस्थल के पुनर्निर्माण की अपनी परिकल्पना के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे पवित्र स्थलों के लिए विकास परियोजनाओं की संकल्पना के साथ उसका डिजाइन इस प्रकार तैयार करना चाहिए जो समय की कसौटी पर खरा उतरे, पर्यावरण के अनुकूल हो और प्रकृति और उसके आसपास के वातावरण के साथ तालमेल बैठा सके. प्रधानमंत्री ने विशेष सुझाव देते हुए रामबन से केदारनाथ तक के बीच अन्य धरोहर और धार्मिक स्थलों का और विकास करने का निर्देश दिया. यह कार्य केदारनाथ के मुख्य मंदिर के पुनर्विकास के अतिरिक्त होगा. बयान के अनुसार, बैठक में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए ब्रह्म कमल वाटिका और संग्रहालय के विकास की स्थिति से संबंधित विवरण पर भी विस्तार से बातचीत हुई जो वासुकी ताल के रास्ते में है. इसके साथ ही पुराने शहर के मकानों और वास्तुकला की दृष्टि से ऐतिहासिक महत्व की सम्पत्तियों के पुनर्विकास के अलावा अन्य सुविधाओं जैसे मंदिर से उपयुक्त दूरी पर और नियमित अंतराल पर पर्यावरण अनुकूल पार्किंग स्थल के बारे में भी चर्चा हुई.
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