logo-image

Uttar Pradesh: अलीगढ़ में CAA के खिलाफ निकाले जा रहे मार्च को पुलिस ने रोका

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ शनिवार को अलीगढ़ में निकाली जा रही एक पदयात्रा को जिला प्रशासन ने कचहरी पहुंचने से पहले ही रास्ते में रोक दिया.

Updated on: 02 Feb 2020, 02:00 AM

अलीगढ़:

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ शनिवार को अलीगढ़ में निकाली जा रही एक पदयात्रा को जिला प्रशासन ने कचहरी पहुंचने से पहले ही रास्ते में रोक दिया. महापौर मोहम्मद फुरकान की अगुवाई में निकाली जा रही यह पदयात्रा शमशाद मार्केट से शुरू हुई लेकिन पुलिस ने उसे एएमयू क्रिकेट क्लब पवेलियन के सामने रोक दिया.

महापौर फुरकान ने संवाददाताओं से कहा कि उनका विरोध प्रदर्शन किसी पार्टी से संबंधित नहीं था. इस पदयात्रा में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि शामिल थे. हम विरोध प्रदर्शित करने का अपना लोकतांत्रिक अधिकार इस्तेमाल कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें कलक्ट्रेट तक नहीं पहुंचने दिया. फुरकान बसपा के नेता हैं और जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी नया नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों का समर्थन करती है, उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन किसी दल से जुड़ा नहीं है.

इस बीच, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के प्रवक्ता कुमार पीरजादा ने दावा किया कि विश्वविद्यालय के सभी संकायों में आज छात्रों की उपस्थिति पहले से बेहतर हुई. एएमयू में गत 13 जनवरी को विश्वविद्यालय दोबारा खुलने के बाद से ज्यादातर छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे थे. इधर, एएमयू के कुलपति तारिक मंसूर ने गत 15 दिसंबर को विश्वविद्यालय परिसर में हुई पुलिस कार्रवाई में गंभीर रूप से घायल हुए दो छात्रों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये की सहायता का ऐलान किया.

कुलपति ने एएमयू छात्रों के खिलाफ बड़ी संख्या में दर्ज मुकदमों के सिलसिले में सात सदस्यीय एक समिति गठित की. पिछले करीब 50 दिनों के दौरान अलीगढ़ पुलिस ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के मामले में एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें विभिन्न आरोपों में 5,000 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों में ज्यादातर एएमयू के छात्र हैं.