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शिक्षक की भूमिका में DC डॉ. वाघमारे, विद्यार्थियों को देतें हैं निशुल्क शिक्षा

लोहरदगा के डीसी डॉक्टर वाघमारे प्रसाद कृष्ण हर सप्ताह शिक्षक की भूमिका में नजर आते हैं. ये प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को सही राह दिखाने का काम भी करते हैं.

Updated on: 10 Apr 2023, 11:41 AM

highlights

  • शिक्षक की भूमिका में DC डॉ. वाघमारे
  • हर सप्ताह निभाते हैं शिक्षक की भूमिका
  • विद्यार्थियों को देतें हैं निशुल्क शिक्षा
  • दूसरे अधिकारी भी देते हैं सहयोग
  • DC के कार्यों की सभी कर रहे सराहना 

Lohardaga :

लोहरदगा के डीसी डॉक्टर वाघमारे प्रसाद कृष्ण हर सप्ताह शिक्षक की भूमिका में नजर आते हैं. ये प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को सही राह दिखाने का काम भी करते हैं. उनके मार्गदर्शन से विद्यार्थी अपने को प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयार करने में सहुलियत महसूस करते हैं. यूपीएससी, जेपीएससी सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले लोहरदगा के इन युवाओं को दूसरे राज्यों में तैयारी करने के लिए कूच नहीं करना पड़ता है. क्योंकि इनको बेहतर सरकारी नौकरी पाने के लिए  खुद डीसी डॉक्टर वाघमारे प्रसाद कृष्ण का मार्गदर्शन मिलता है. 

हर सप्ताह निभाते हैं शिक्षक की भूमिका

डीसी हर सप्ताह शिक्षक की भूमिका में नजर आते हैं. यही नहीं डीसी के अलावा इस काम में एसडीओ अरविन्द कुमार लाल, जिला शिक्षा पदाधिकारी सुनंदा चंद्रमोलेश्वर दास और रजिस्ट्रार सुभाष दत्ता सहित जिले के तमाम पदाधिकारी इन युवाओं के भविष्य को संवारने में लगे हुए हैं. जिला प्रशासन शहर के नदिया हिन्दू उच्च विद्यालय परिसर के विज्ञान भवन में निशुल्क शिक्षा का दीप जलाने आते हैं. यहां कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जिला प्रशासन के तमाम पदाधिकारी कराते हैं. लोहरदगा डीसी डॉक्टर वाघमारे प्रसाद कृष्ण की ये पहल जिले में काफी सराही जा रही है. यहां के युवाओं का मानना है कि ट्यूशन लेने से बेहतर है कि उनके माध्यम से तैयारी की जाए जो अपने अनुभव के माध्यम से हमें बेहतरीन तरीसे से गाइडलाइन दे सकें.

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DC के कार्यों की सभी कर रहे सराहना 

वहीं, इस मामले में डीसी डॉक्टर वाघमारे का कहना है कि जिला प्रशासन निशुल्क शिक्षा देने का काम कर रहा है. इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को पुस्तक सहित तमाम सुविधाएं जिला प्रशासन मुहैया करवाता है ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र लोहरदगा के बच्चे मुख्यधारा की ओर आगे बढ़ सके और अपना भविष्य खुद संवार सकें.

जिला प्रशासन ने पहली बार ये कदम उठाया है कि जिले में युवाओं को एक छत के नीचे शिक्षण की सारी व्यवस्थाएं देने के साथ-साथ खुद समय दिया जा रहा है ताकि इन बच्चों में विषयों के समझ के साथ-साथ अपने भविष्य के निर्धारण में कोई परेशानी न हो.

रिपोर्ट : गौतम लेनिन