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जहां कभी हुआ करता था नक्सलियों का राज, वहां CRPF ने 24 घंटे में बनाई सड़क

गढ़वा के बुढ़ा पहाड़ पर सुरक्षाबलों ने सड़क बनाकर एक नया कीर्तिमान रचा है. पहाड़ पर पहली बार ग्रामीणों के सहयोग से CRPF ने 24 घंटे में मिट्टी मोरम का सड़क बनाई है, जिससे अब बुढ़ा पहाड़ पर सुरक्षाबलों को पहुंचना आसान हो गया है.

Updated on: 25 Mar 2023, 12:56 PM

highlights

  • कभी हुआ करता था नक्सलियों का राज
  • ग्रामीणों की सहयोग से बनाई सड़क
  • बेहतर भविष्य गढ़ने की कवायद

Garhwa :

गढ़वा के बुढ़ा पहाड़ पर सुरक्षाबलों ने सड़क बनाकर एक नया कीर्तिमान रचा है. पहाड़ पर पहली बार ग्रामीणों के सहयोग से CRPF ने 24 घंटे में मिट्टी मोरम का सड़क बनाई है, जिससे अब बुढ़ा पहाड़ पर सुरक्षाबलों को पहुंचना आसान हो गया है. जिससे नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने में आसानी होगी. आपको बता दें कि बुढ़ा पहाड़ को नक्सलियों के चंगुल से छुड़ाने के बाद से लगातर क्षेत्र में विकास हो रहा है.

कभी हुआ करता था नक्सलियों का राज

आपको बता दें कि बुढ़ा पहाड़ इलाके में कभी नक्सलियों का राज हुआ करता था, लेकिन जब से बुढ़ा पहाड़ के एक पॉइंट को खाली कराया गया है तब से लगातर क्षेत्र में विकास कार्य हो रहे हैं. इस बुढ़ा पहाड़ के इर्दगिर्द नक्सलियों ने लैंड माइंस बिछा रखी थी. जिसके चलते सुरक्षा बलों को काफी परेशानी होती थी, लेकिन अब सड़क बन जाने से विकास के साथ नक्सलियों के खिलाफ अभियान भी तेज होगा. 

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ग्रामीणों की सहयोग से बनाई सड़क

CRPF 172 बटालियन के कमानडेंट नृपेंद्र सिंह ने बताया कि ग्रामीणों की सहयोग से बुढ़ा पहाड़ पर सड़क बनाया गया है. इससे पहले ग्रामीण पहाड़ पर चढ़ने के लिए सड़क का निर्माण कर रहे थे. हमारी नजर पड़ी तो उच्च अधिकारियों के निर्देश पर हम लोगों ने भी सहयोग करते हूए चौड़ी सड़क बना दी है. अभी जेसीबी और ट्रैक्टर चढ़ा है. आगे आने वाले दिनों में अन्य गाड़ियां भी चढ़ जाएगी. ऐसी व्यवस्था की जाएगी ताकि विकास निरंतर जारी रहे.

बेहतर भविष्य गढ़ने की कवायद

आपको बता दें कि रक्षा बलों के ही अदम्य साहस से नक्सलियों के सबसे सुरक्षित ठिकानों बुलबुल जंगल, बूढ़ा पहाड़ और पेशरार जैसे घोर नक्सल प्रभावित इलाकों से नक्सलियों का सफाया हो पाया है. अब सुरक्षा बल के जवान उन इलाके के बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर उनका बेहतर भविष्य गढ़ने की कवायद में जुटे हुए हैं. 

रिपोर्ट : धर्मेन्द्र कुमार