कोडरमा के भ्रष्ट अफसरों पर चला CM हेमंत सोरेन का चाबुक
इन तीनों पर शिक्षक भर्ती में धांधली करने का आरोप लगा है. मामला में अब सख्त कार्रवाई का होना तय माना जा रहा है क्योंकि अब सीएम हेमेंत सोरेन ने तीनों के खिलाफ PE दर्ज करने का आदेश दे दिया है. तीनों भ्रष्टाचारियों की तकलीफें बढ़ना अब तय माना जा रहा है.
highlights
- कोडरमा जिला में शिक्षक नियुक्ति में धांधली का मामला
- तीन आरोपियों के खिलाफ PE दर्ज करने की CM ने दी अनुमति
- कोडरमा के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक, कोडरमा पुरेन्द्र विक्रम शाही हैं आरोपी
- जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के प्रधान सहायक अजीत कुमार भी हैं आरोपी
- सहायक धर्मेंद्र कुमार पर भी शिक्षक नियुक्ति में धांधली करने का आरोप
- भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मांगी थी PE की अनुमति
Koderma:
CM हेमन्त सोरेन ने कोडरमा जिला में शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी और अनियमितता के मामले में आरोपी तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक, कोडरमा पुरेन्द्र विक्रम शाही एवं जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के प्रधान सहायक अजीत कुमार तथा सहायक धर्मेंद्र कुमार के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, (एसीबी) हजारीबाग के द्वारा दिनांक 27 जून 2019 को दर्ज आई. आर. की विस्तृत जांच हेतु पी. ई. दर्ज करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. इन तीनों पर शिक्षक भर्ती में धांधली करने का आरोप लगा है. मामला में अब सख्त कार्रवाई का होना तय माना जा रहा है क्योंकि अब सीएम हेमेंत सोरेन ने तीनों के खिलाफ PE दर्ज करने का आदेश दे दिया है. तीनों भ्रष्टाचारियों की तकलीफें बढ़ना अब तय माना जा रहा है.
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यह है पूरा मामला
कोडरमा जिला अंतर्गत शिक्षक नियुक्ति मामले में तदेन जिला शिक्षा अधीक्षक, कोडरमा पुरेन्द्र विक्रम शाही द्वारा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, मरकच्चो एवं प्रधान सहायक अजीत कुमार और लिपिक धर्मेंद्र कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय, चतरा ( प्रतिनियुक्ति अपर समाहर्ता कार्यालय, चतरा) की मिलीभगत से महिलाओं के लिए निर्धारित क्षैतिज आरक्षण का लाभ शिक्षण कार्य के लिए निर्गत आवासीय प्रमाण पत्र के आधार पर देने, मेधा सूची में अंको की हेराफेरी कर चार अभ्यर्थियों का चयन करने, विज्ञापन की अनदेखी करते हुए नर्सरी शिक्षक प्रमाण पत्र के आधार पर प्रारंभिक /मध्य विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति हेतु अभ्यर्थियों का चयन करने, फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर प्रारंभिक/ मध्य विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति हेतु अभ्यर्थियों का चयन करने और विभागीय अनुमति के बिना परीक्षण में सम्मिलित होकर उच्च शिक्षा का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने वाले कुछ पारा शिक्षकों की भी नियुक्ति करने का आरोप है.
इस मामले में एसीबी ने वर्ष 2019 में दर्ज आई. आर. का सत्यापन करने के पश्चात विस्तृत जांच के लिए पी. ई. दर्ज करने की अनुमति मांगी थी .
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