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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ED दफ्तर पहुंचे विनय सिंह, पूछताछ का सिलसिला जारी

पिछले दिनों शराब मामले को लेकर हुई छापेमारी के बाद पूछताछ का सिलसिला जारी है. ईडी के समन के बाद विनय सिंह और अभिषेक आनंद झा पहुंचे.

Updated on: 04 Sep 2023, 06:40 PM

highlights

  • छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED ने की पूछताछ
  • पूछताछ के लिए पहुंचे विनय सिंह और अभिषेक आनंद झा
  • कई दस्तावेजों को साथ ED दफ्तर पहुंचे थे दोनों आरोपी

Ranchi:

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में 23 अगस्त को झारखंड में ईडी ने एक साथ 30 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. जिसमें दुमका, गोड्डा, रांची, देवघर समेत 30 से ज्यादा ठिकानों पर ये रेड हुई. सीआरपीएफ की मौजूदगी में यह छापेमारी की गई. शराब माफियाओं के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई देखने को मिल रही है. एक साथ राज्य के कई जिलों में कार्रवाई की जा रही है. वहीं, इस मामले में विनय सिंह अपने अधिवक्ता के साथ पहुंचे थे. ईडी अधिकारियों से मुलाकात और पूछताछ के बाद ईडी दफ्तर से निकले. ईडी दफ्तर में आज गहमा गहमी देखने को मिली. देवघर के अभिषेक आनंद झा और रांची के विनय सिंह से आज ईडी दफ्तर में पूछताछ की गई. 

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पिछले दिनों शराब मामले को लेकर हुई छापेमारी के बाद पूछताछ का सिलसिला जारी है. ईडी के समन के बाद विनय सिंह और अभिषेक आनंद झा पहुंचे. कई दस्तावेजों को लेकर दोनों पहुंचे हैं. इनके साथ ही कुछ और लोगों से भी आज ईडी दफ्तर में पूछताछ हो रही है. वहीं, मामले में साहिबगंज डीएसपी राजेन्द्र दुबे अबतक रांची के ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे. राजेंद्र दुबे को ईडी के द्वारा समन जारी कर बुलाया गया था.

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED ने की पूछताछ
पूछताछ के लिए पहुंचे विनय सिंह और अभिषेक आनंद झा
कई दस्तावेजों को साथ ED दफ्तर पहुंचे थे दोनों आरोपी
दोनों आरोपियों से अधिकारियों ने की पूछताछ
पूछताछ के बाद ED दफ्तर से बाहर निकले दोनों आरोपी 
डीएसपी राजेंद्र दुबे अबतक नहीं पहुंचे रांची के ED दफ्तर
ED ने समन भेजकर राजेंद्र दुबे को बुलाया था ED दफ्तर

क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?

छत्तीसगढ़ में 2017 में बनी नई शराब नीति
सिर्फ सरकारी दुकानों पर शराब बेचने की अनुमति
छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कोर्पोरेशन का गठन हुआ
आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी बने
विशेष सचिव ने आबकारी नीति में बदलाव किया- ED का दावा
नीति में बदलाव से दो हजार करोड़ का घोटाला हुआ
साजिश के तहत कमीशन देने वाले निर्माताओं से शराब खरीदी गई
कमीशन नहीं देने वाले निर्माताओं को दरकिनार किया गया 
नकली होलोग्राम लगाकर सरकारी दुकानों में बेची गई शराब
अवैध शराब का कोई सेल रिकॉर्ड नहीं रखा गया
अवैध शराब की बिक्री में कंपनियों को कैश में पेमेंट हुआ
वैध शराब के साथ अवैध शराब सरकारी दुकानों में बेची गई
सिंडिकेट ने अवैध शराब ज्यादा से ज्यादा बेचने पर जोर रखा
अवैध शराब बिक्री से सरकारी खजाने को हुआ नुकसान