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बिहार पुलिस की नीतियों में हुआ बड़ा बदलाव, ट्रांसफर के लिए अब नहीं मिलेगा चॉइस

ट्रांसफर के नियमों को बदल दिया गया है. सिपाही से इंस्पेक्टर तक के पलिसकर्मियों के ट्रांसफर को लेकर पॉलिसी तय कर दी गई है. ट्रांसफर के लिए अब उन्हें चॉइस नहीं दिया जाएगा. हालांकि इसके अलवा तबादला नीति में कई बदलाव किए गए हैं.

Updated on: 27 Aug 2022, 10:44 AM

Patna:

बिहार पुलिस में एक बड़ा बदलाव किया गया है. ट्रांसफर के नियमों को बदल दिया गया है. सिपाही से इंस्पेक्टर तक के पलिसकर्मियों के ट्रांसफर को लेकर पॉलिसी तय कर दी गई है. ट्रांसफर के लिए अब उन्हें चॉइस नहीं दिया जाएगा. पुलिसकर्मियों से तबादले से पहले पांच चॉइस ऑप्शन मांगे जाने का नियम लगाया गया था.उनके पास ये चॉइस होता था कि वो अपने अनुसार किसी भी जिले में अपना ट्रांसफर करा सकते हैं लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है. हालांकि इसके अलवा तबादला नीति में कई बदलाव किए गए हैं.

बिहार पुलिस की नई ट्रांसफर पॉलिसी में तय किया गया है की अगर पति-पत्नी दोनों बिहार पुलिस में कार्यरत हैं तो प्रयास होगा की दोनों की पोस्टिंग एक ही जगह पर रहे. हालांकि इस दौरान इनका ट्रांसफर गृह जिले के साथ–साथ ऐसे जिले में नहीं किया जाएगा जहां वह पहले तैनात रह चुके हैं. इतना ही नहीं जिला और रेंज पीरियड का नियम भी इनपर लागू होगा. पुलिस कपल को एक स्थान पर पोस्टिंग के लिए संयुक्त आवेदन करना होगा. ट्रांसफर को लेकर पुलिस दंपत्ति अपने सेवाकाल में अधिकतम दो बार ही आवेदन दे सकते हैं. इसके लिए कंडीशन यह भी होगी कि उनकी पोस्टिंग उनके गृह जिला में नहीं होगी. इसके पहले ट्रांसफर पॉलिसी में आवेदन की अधिकतम संख्या को लेकर कोई नियम नहीं था.

बिहार के डीजीपी ने जो नई ट्रांसफर पॉलिसी जारी की है उसमें साफ किया गया है कि रिटायरमेंट टाइम के पास को छोड़ कर पुलिसकर्मियों का तबादला गृह जिले में नहीं होगा. वहीं, जिला और रेंज में एक बार तैनाती होने के बाद कार्यकाल चाहे कितना भी छोटा क्यों न हो, दोबारा वहां पोस्टिंग नहीं होगी. हालांकि विशेष परिस्थिति में प्रशासनिक हित को देखते हुए डीजीपी इसपर निर्णय ले सकेंगे.

जिला और रेंज टर्म पूरा करने वाले पुलिसकर्मियों से तबादले से पहले पांच चॉइस ऑप्शन मांगे जाने का नियम लगाया गया था. हालांकि राज्य पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि पुरानी पॉलिसी में चॉइस पोस्टिंग की प्रक्रिया पर अमल नहीं किया जा सका. लिहाजा नई नीति में इसे खत्म कर दिया गया है.