Bihar Politics: लोकसभा चुनाव से पहले JDU ने सुनाया फरमान, बिहार की सियासत में मचा हड़कंप
एक तरफ जहां देश की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती नजर आ रही है तो वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद बिहार का सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है. बता दें कि जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हैं.
highlights
- लोकसभा चुनाव से पहले JDU ने सुनाया फरमान
- सांसद पिंटू के पॉलिटिकल करियर का हो गया फैसला
- बिहार की सियासत में मचा हड़कंप
Patna:
Bihar Politics News: एक तरफ जहां देश की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती नजर आ रही है तो वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद बिहार का सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है. बता दें कि जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हैं, लेकिन जेडीयू उन पर कोई ध्यान नहीं दे रही है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में वह एक समझौते के तहत जेडीयू में शामिल हुए थे. साथ ही 2022 में भाजपा और जदयू के बीच करार समाप्त हो गया. वहीं, विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर 2024 के लोकसभा चुनाव में सीतामढ़ी से जदयू के प्रस्तावित उम्मीदवार के रूप में क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, यानी जदयू ने अपने सांसदों की आधिकारिक सूची से सुनील कुमार पिंटू का नाम हटा दिया है.
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2019 में बीजेपी-जदयू में हुआ था समझौता
आपको बता दें कि 2019 में बीजेपी और जेडीयू के बीच 40 लोकसभा सीटों पर बराबरी का समझौता हुआ था. दोनों को 17-17 सीटें मिलीं. बीजेपी ने सीतामढी में शर्त रखी कि हमारे उम्मीदवार भी सीट लें. वहीं दोनों पार्टियों के बीच पहले भी ऐसा होता रहा है. 2010 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने बीजेपी को पांच उम्मीदवार दिये थे, बाद में ये सभी बीजेपी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए. वैशाली से एलजेपी सांसद वीणा देवी इसी समझौते के तहत 2010 में बीजेपी के टिकट पर गायघाट से विधायक बनी थीं. उनके पति दिनेश कुमार सिंह फिलहाल जेडीयू के विधान परिषद सदस्य हैं.
JDU के प्रवक्ता ने दिया बयान
इसके साथ ही आपको बता दें कि जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार कहते हैं- पिंटू तकनीकी तौर पर भले ही जेडीयू से जुड़े हों, लेकिन व्यावहारिक तौर पर जेडीयू से उनका रिश्ता 2022 में उसी दिन खत्म हो गया, जब जदयू ने एनडीए से अलग होने की घोषणा की थी तो उन्हें जदयू से निकालने की कोई जरूरत नहीं थी, वे खुद ही चले गये थे.
वहीं, आपको बता दें कि अगले चुनाव में सीतामढी से कोई और जेडीयू उम्मीदवार होगा. भले ही मीडिया उन्हें जेडीयू सांसद मान रहा हो, लेकिन पार्टी उनसे संगठनात्मक गतिविधियों के बारे में पूछती भी नहीं है. उन्होंने कहा कि, ''सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र में कभी भाजपा की जीत नहीं हुई है. वहीं 2024 में भी उसकी जीत नहीं होगी.'' बता दें कि, जदयू के विधायक डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि, ''पिंटू भाजपा से आए थे, उसी में चले गए.'' इस बयान से बिहार की सियासत और गरमा गई है.
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