नीतीश-चिराग की दूरी अब और बढ़ी, रामविलास की बरसी से रहे नदारद सीएम
सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या राजनीतिक दुश्मनी में व्यक्तिगत संबंध इतने हावी हो सकते हैं कि पुराने संबंधों को दरकिनार किया जाए.
highlights
- रामविलास पासवान की बरसी पर नहीं पहुंचे नीतीश
- चिराग के चाचा पशुपति पारस ने पहुंच दी श्रद्धांजलि
- बीजेपी के कई नेता इस अवसर पर पहुंचे कार्यक्रम में
पटना:
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि पर उनके पुत्र और लोजपा के सांसद चिराग पासवान ने सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित कर गिले-शिकवे दूर करने का प्रयास किए. इस मौके पर विभिन्न दलों के नेताओं का जमावड़ा भी लगा, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या जनता दल (युनाइटेड) का बड़ा चेहरा इस कार्यक्रम में नहीं दिखे. अब जदयू के नेताओं से इस दूरी को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार किसी भी हाल में लोजपा के चिराग पासवान से दूरी बनाकर रखना चाहते हैं. वैसे, सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या राजनीतिक दुश्मनी में व्यक्तिगत संबंध इतने हावी हो सकते हैं कि पुराने संबंधों को दरकिनार किया जाए.
चिराग के चाचा पशुपति पारस भी पहुंचे
इस कार्यक्रम में चिराग के चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने पहुंचकर अपने भाई रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अगर उन्हें आमंत्रण नहीं मिलता, तब भी यहां आते. हालांकि मुख्यमंत्री ने रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि अर्पित की, लेकिन वे इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए. राजनीतिक जानकार भी अब इसे अलग-अलग नजर से देख रहे हैं. राजनीतिक समीक्षक अजय कुमार कहते हैं, 'अगर नीतीश कुमार इस कार्यक्रम में पहुंचते तब भी उन्हें कोई राजनीतिक नुकसान नहीं होता, इसका लाभ ही उन्हें मिलता. वैसे उन्होने यह भी कहा कि यह राजनीति में गलत परंपरा की शुरूआत है.'
नीतीश का न पहुंचना, दूरी बढ़ाने वाला
बिहार की राजनीति को नजदीक से समझने वाले मनोज चौरसिया कहते हैं कि नीतीश के इस आयोजन में नहीं पहुंचना यह साफ संकेत देता है कि दोनों दलों के बीच बनी दीवार को नीतीश तोडना नहीं चाहते बल्कि उसे और मजबूत कर रहे है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है. जदयू के नेता इसका सबसे बड़ा कारण लोजपा को मानते हैं. ऐसे में नीतीश लोजपा के नेता चिराग पासवान को माफ करने में मूड में नहीं दिखते हैं. चौरसिया कहते हैं, 'जदयू का मानना है कि बिहार में पार्टी की राजनीतिक हैसियत घटाने में चिराग की रणनीति और राजनीति जिम्मेदार है.'
बीजेपी चिराग का साथ नहीं छोड़ने के मूड में
भाजपा के नेता इस कार्यक्रम में पहुंचकर यह भी जता दिया है केंद्र में भले ही लोजपा (पारस) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस को मंत्री बना दिया गया है, लेकिन भाजपा चिराग को भी छोडने के मूड में नहीं है. चिराग लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साधते रहे हैं. उन्होंने आरोप भी लगाया कि लोजपा को तोडने में जदयू का हाथ है. जानकार इसे चुनाव में लोजपा की रणनीति का बदला मानते हैं. उल्लेखनीय है कि लोजपा दो गुटों में बंट गई है. एक गुट का नेतृत्व जहां चिराग कर रहे हैं वहीं दूसरे गुट का नेतृत्व पारस के हाथ में है। दोनों गुट खुद को असली लोजपा बता रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामविलास की बरसी पर दो पन्नों का संदेश देकर और पटना में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा नेताओं के भाग लेने के बाद यह तय माना जा रहा है भाजपा चिराग को दूर भी नहीं जाने देगी. ऐसे में जदयू और लोजपा (चिराग) आने वाले दिनों में एक-दूसरे के प्रति क्या रणनीति बनाते हैं, यह देखने वाली बात होगी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Ranbir Kapoor-Alia Bhatt Daughter: आलिया-रणबीर की हैप्पी फैमिली वीडियो वायरल, राहा की क्यूटनेस ने जीते दिल
-
Bipasha Basu Anniversary: मॉरिशस में एनिवर्सरी मना रहे हैं बिपाशा बसु और करण ग्रोवर, देखें क्यूट वीडियो
-
Rishi Kapoor Anniversary: 'आप हमेशा साथ हैं...ऋषि कपूर की पुण्यतिथि पर बेटी रिद्धिमा और नीतू कपूर ने किया याद
धर्म-कर्म
-
Hanuman Chalisa Path Significance: बिस्तर पर बैठकर आप भी पढ़ते हैं हनुमान चालीसा, तो जानें इसके चमत्कार
-
Guru Gochar 2024 Kuber Yog: कल इन राशियों में बनने जा रहा है कुबेर योग, अचानक मिलेगा छप्पड़फाड़ धन
-
May Property Purchase Muhurat: मई 2024 में संपत्ति खरीदने के ये हैं 7 शुभ मुहूर्त, आप भी नोट कर लें
-
Love Rashifal 30 April 2024: इन राशियों की लव लाइफ में आएगी बड़ी परेशानी, जानें अपनी राशि का हाल