logo-image

Bihar News : केके पाठक ने CPI एमएलसी के खिलाफ ही ले लिया एक्शन, पेंशन पर लगाई रोक

केके पाठक ने एमएलसी संजय सिंह के पेंशन पर रोक लगा दी है. यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ फुटाब के कार्यकारी अध्यक्ष बहादुर सिन्हा के पेंशन और वेतन दोनों को ही रोक दिया गया है.

Updated on: 30 Nov 2023, 03:51 PM

highlights

  • केके पाठक ने CPI एमएलसी के खिलाफ ही ले लिया एक्शन
  • केके पाठक ने एमएलसी संजय सिंह के पेंशन पर लगा दी रोक 
  • एमएलसी ने नीतीश सरकार के खिलाफ धरना देने का कर दिया ऐलान 

Patna:

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक आये दिन ऐसे ऐसे फरमान जारी करते हैं. जिससे विभाग के लोग परेशान भी होते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कुछ ऐसा किया है. जिसका असर राज्य सरकार पर होगा. उन्होंने सत्तारूढ़ दल के एक एमएलसी की वेतन ही रोक डाली है. जिसके बाद अब बवाल होना तय है. केके पाठक ने एमएलसी संजय सिंह के पेंशन पर रोक लगा दी है. इतना ही नहीं यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ फुटाब के कार्यकारी अध्यक्ष बहादुर सिन्हा के पेंशन और वेतन दोनों को ही रोक दिया गया है. जिसके बाद अब एमएलसी ने नीतीश सरकार के खिलाफ धरना देने का ऐलान कर दिया है. 

यह भी पढ़ें : Bihar News : छुट्टी कैलेंडर को लेकर BJP ने लगाया पोस्टर, मुख्यमंत्री को कह दी ये बड़ी बात

एमएलसी के पेंशन को रोक दिया

दरअसल, केके पाठक ने आज एक बार फिर बड़ा आदेश जारी किया है. जिसके बाद ना केवल शिक्षा विभाग बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल पैदा हो गई है. उन्होंने सीपीआई एमएलसी संजय सिंह के पेंशन को रोक दिया है और बहादुर सिन्हा की सैलरी और पेंशन दोनों पर ही रोक लगा दी है. बता दें कि संजय सिंह यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ फुटाब के महासचिव भी हैं. 

ये आदेश खड़ा कर सकता है सियासी संग्राम

केके पाठक ने एक साथ दो पदाधिकारियों पर कार्रवाई की है. उनका ये आदेश बहुत बड़ा सियासी संग्राम खड़ा कर सकता है. इस आदेश के बाद संजय सिंह ने इसे तुलगकी फरमान बताया है. उन्होंने कहा है कि वो अब इस सरकार के खिलाफ धरना करेंगे. उन्होंने इसको लेकर ऐलान कर दिया है. आपको बता दें कि इस आदेश के बाद अब महागठबंधन और सीपीआई के बीच दरार आ सकती है क्योंकि अभी सीपीआई नीतीश सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है. बड़ी बात तो ये भी है कि सीपीआई  INDIA गठबंधन का भी हिस्सा है. ऐसे में अब केके पाठक का ये आदेश क्या रंग लाएगा वो देखने लायक होगा. कहीं उनका ये आदेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खेल को ही ना बिगाड़ दें. जिसका असर लोकसभा चुनाव पर भी हो सकता है.