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जीतन राम मांझी करने वाले हैं CM नीतीश के साथ बहुत बड़ी गड़बड़, ये 4 चीजें हैं सबूत!

ऐसा पहली बार नहीं है जब जीतन राम मांझी ने इस तरह का बयान देकर महागठबंधन सरकार को असमंजस में डाला हो. इससे पहले भी वो इस तरह के बयान दे चुके हैं. ऐसे में सवाल फिर से वही उठ रहा है कि क्या जीतन राम मांझी, नीतीश को धोखा देने वाले हैं?

Updated on: 03 Jun 2023, 07:52 PM

highlights

  • जीतन राम मांझी लगातार दे रहे झटके
  • अप्रत्यक्ष रूप से बोलते हैं महागठबंधन सरकार पर हमला
  • कई बार अख्त्यार कर चुके हैं बगावती सुर
  • हर बार मांझी ले लेते हैं यू टर्न, अब मांग  रहे 5 सीट

Patna:

बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी क्या लोकसभा चुनाव 2024 से पहले महागठबंधन से अलग हो जाएंगे? क्या मांझी, नीतीश कुमार को धोखा देने वाले हैं? दरअसल, इस तरह के सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा बिहार की पांच सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाह रही है. उन्होंने ये कह भी दिया है. अब सीएम नीतीश के कई करीबी उन्हें मनाने में लगे हुए हैं. इधर जीतन राम मांझी महागठबंधन दलों की बैठक से भी किनारा करते दिखाई दे रहे हैं. मांझी ने बगावती सुर ऐसे समय अपना लिए हैं जब 12 जून 2023 को बिहार के सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई में विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है. वैसे ऐसा पहली बार नहीं है जब जीतन राम मांझी ने इस तरह का बयान देकर महागठबंधन सरकार को असमंजस में डाला हो. इससे पहले भी वो इस तरह के बयान दे चुके हैं. ऐसे में सवाल फिर से वही उठ रहा है कि क्या जीतन राम मांझी, नीतीश को धोखा देने वाले हैं? ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि जीतन राम मांझी ने कब कब अपने बयानों से महागठबंधन दलों के लिए मुसीबत खड़ी की और महागठबंधन में शामिल दलों का विश्वास डगमगाया.

1. हम पर महागठबंधन सरकार में बड़ा दवाब

16 अप्रैल 2023 को जीतन राम मांझी ने महागठबंधन सरकार पर एक बड़ा आरोप लगाया. बिहार के पूर्व सीएम व HAM चीफ जीतन राम मांझी ने पलटी मारने के संकेत दिये थे. उन्होंने कहा कि उनके लिए फैसले की घड़ी आ गयी है. मांझी ने अपनी पार्टी के नेताओं को कहा कि वह महागठबंधन में बहुत दवाब झेल रहे हैं और अब फैसले की घड़ी आ चुकी है. 

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बता दें कि जीतन राम मांझी ने आज अपनी पार्टी HAM नेताओं की बैठक बुलायी थी. बैठक में उन्होंने कहा कि 'महागठबंधन में हम पर बहुत दवाब है. सभी कह रहे हैं कि हमारे साथ आइये. स्पष्टता हमारी कमजोरी रही है. अब आप सभी लोगों ने देखा होगा कि नीतीश कुमार ने पूर्णिया की रैली में चिल्ला-चिल्ला कर कहा था कि मांझी जी कहीं नहीं जाइये. हमारे साथ रहीए. यहीं रहिये. हम ही सब कुछ देंगे. हमही आपको सब कुछ बनायेंगे. लेकिन क्या हुआ?.' उन्होंने आगे कहा, 'अब हम लोगों को निर्णय लेना ही होगा. निर्णय की घडी आ चुकी है. क्या करना है, इसके बारे में हम पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में चर्चा करेंगे. " मांझी ने आगे कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि हमारी पार्टी का विलय हो जाये लेकिन हमारे कार्यकर्ता बिल्कुल भी नहीं चाहते कि HAM का किसी दूसरी पार्टी में विलय हो.'


आंदोलन की दी थी चेतावनी

इतना ही नहीं जीतन राम मांझी ने इस बात के भी संकेत दिए थे कि वो नीतीश सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आंदोलन भी कर सकते हैं. उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि जब राजस्थान में सचिन पायलट, सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ अनशन कर सकता है तो जीतन राम मांझी नीतीश कुमार के खिलाफ क्यों नहीं अनशन कर सकता?. उन्होंने कहा था कि अगर नीतीश सरकार कोई भी गलत काम करेगी या गलत फैसला लेगी तो उसकी वो विरोध करेंगे.


2. अमित शाह से मांझी की मुलाकात

अप्रैल 2023 में ही जीतन राम मांझी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. उन्होंने दशरथ मांझी के लिए भारत रत्न की मांग को लेकर अमित शाह से मुलाकात की थी. हालांकि, राजनीतिक जानकार उनकी अमित शाह से मुलाकात को एक अलग ही चश्में से देख रहे हैं. वहीं, जीतन राम मांझी ने अमित शाह से मुलाकात के बाद ये जरूर कहा था कि वह नीतीश कुमार के साथ रहेंगे लेकिन कबतक रहेंगे इसके बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी थी.


3. नीतीश कुमार ने हम लोगों के साथ अच्छा नहीं किया

18 मई 2023 को जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश पर गंभीर आरोप लगाया था. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार द्वारा उनके साथ अच्छा नहीं किया गया है. हालांकि, उन्होंने एक बार फिर से यह भी कहा है कि सीएम नीतीश कुमार पीएम प्रत्याशी के लिए उपयुक्त प्रत्याशी हैं. राजगीर के कन्वेंशन हॉल में हम पार्टी का राष्ट्रीय परिषद सम्मेलन कार्यक्रम किया गया, जहां हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम माझी ने कई सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हम राजनीति तौर पर और पार्टी के कार्यकर्ताओं के हित में सोचते हैं. लेकिन नीतीश कुमार ने हम लोगों के साथ अच्छा नहीं किया है. बावजूद हम लोग कसम खाए हैं, उनके साथ रहेंगे, लेकिन राजनीति में कसम की कोई अहमियत नहीं होती है.

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4. मांझी ने की 5 सीटों की मांग

बिहार की राजनीति में सूबे में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही सियासी रार जारी है. एक बार फिर से बिहार के पूर्व सीएम जीतनरान मांझी ने बगावती सुर अख्त्यार कर लिए है. 5 सीटों की मांग को लेकर मांझी ने कहा कि वह जिस तरफ रहेंगे उसकी ही जीत होगी. उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए 5 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की है. नाराज मांझी को मनाने के लिए सीएम नीतीश के करीबी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शुक्रवार को दूसरी बार मुलाकात की लेकिन मांझी मानने को तैयार नहीं है. मांझी द्वारा ऐसे समय बगावती सुर अख्त्यार किया गया है जब 12 जून 2023 को बिहार में विपक्षी एकजुटता को लेकर विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है.

वैसे ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब जीतन राम मांझी ने महागठबंधन सरकार के लिए सिर दर्र उत्पन्न किया हो. इससे पहले भी वह शराबबंदी समेत अन्य मुद्दों को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े करते रहे हैं. बाते दें कि 12 जून 2023 को पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होने वाली है लेकिन विपक्षी दलों की बात तो छोड़िए जीतन राम मांझी ने अपने ही दलों के खिलाफ बगावती सुर अख्त्यार कर लिया है. जीतन राम मांझी ने महागठबंधन दलों की बैठक में शामिल होने से पहले सीएम नीतीश से लोकसभा चुनाव में 5 सीटों की मांग कर दी है. मांझी ने कहा है कि उनकी पार्टी राज्य में 5 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. इतना ही नहीं