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Bihar Politics: क्या कर्नाटक चुनाव के नतीजे ने नीतीश कुमार के प्लान पर फेरा पानी?

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे ने देश का पॉलिटिकल मैप बदल दिया है. चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस को डूबती हुई पार्टी कहने वाले लोगों के मुंह पर ताला लगा दिया है और एक बार फिर कांग्रेस का कद बढ़ता नजर आ रहा है.

Updated on: 13 May 2023, 06:54 PM

highlights

  • कर्नाटक जीत के बाद बदलेंगे सियासी मायने
  • नीतीश कुमार के प्लान पर फिरा पानी!
  • राहुल गांधी का पार्टी में बढ़ा कद

Patna:

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे ने देश का पॉलिटिकल मैप बदल दिया है. चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस को डूबती हुई पार्टी कहने वाले लोगों के मुंह पर ताला लगा दिया है और एक बार फिर कांग्रेस का कद बढ़ता नजर आ रहा है. देश की सबसे पुरानी और राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस ने कर्नाटक में भारी बहुमत से जीत हासिल की है और इसी के साथ चुनाव प्रचार प्रसार में जुटे कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को मजबूती प्रदान किया. वहीं, इसमें कोई दो राई नहीं है कि कांग्रेस ने बढ़त हासिल कर ली है और बीजेपी को आगामी चुनाव में कड़ी टक्कर देने का जीत के साथ ऐलान कर दिया है.

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कर्नाटक जीत के बाद बदलेंगे सियासी मायने

जहां जीत के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया और लोगों का आभार जताया. राहुल गांधी ने कहा कि कर्नाटक में मोहब्बत की जीत हुई है और नफरत हारी है. वहीं, पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस की जीत जनता की जीत है. जनता ने एक भ्रष्ट सरकार को हराया है, हमें आगे बहुत कुछ करना है. वहीं, अब कांग्रेस की जीत के बाद राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इससे बिहार के सीएम नीतीश कुमार के विपक्षी एकता पर पानी फिर सकता है. बता दें कि नीतीश कुमार ने कर्नाटक चुनाव नतीजे के बाद गैर बीजेपी दलों या कहें कि भाजपा विरोधी दलों की मीटिंग बुलाने का फैसला किया है. यह मीटिंग बिहार की राजधानी पटना में की जाएगी. फिलहाल इस मीटिंग की तारीख की घोषणा नहीं की गई है.

नीतीश कुमार के प्लान पर फिरा पानी!

वहीं, कर्नाटक की जीत के बाद राहुल गांधी को विपक्षी एकता का सबसे बड़े चेहरे के तौर पर देखा जाने लगा है. इससे कई विशेषज्ञों की मानें तो नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. यूं तो सीएम नीतीश कुमार हमेशा कहते हैं कि वह खुद को पीएम उम्मीदवार के तौर पर नहीं देखते, लेकिन जिस तरह से वह विपक्षी पार्टियों को साथ लेकर भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव में जुटे हुए हैं. इससे उन्हें पीएम उम्मीदवार का दावेदार माना जा रहा है. 

राहुल गांधी का बढ़ा कद

विपक्ष एकता पार्टी के सबसे मजबूत नेता के तौर पर नीतीश कुमार को भी इसलिए देखा जा रहा है क्योंकि वह क्षेत्रीय नेताओं में सबसे ज्यादा अनुभवी हैं और 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं. जातीय समीकरण में भी नीतीश फिट बैठते हैं. अब तक नीतीश कुमार कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल,  पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और महाराष्ट्र के दिग्गज नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर चुके हैं. इन मुलाकातों के बाद से नीतीश को सबसे ताकतवर चेहरे के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन कर्नाटक के नतीजे ने इस रेस में राहुल गांधई को ला खड़ा कर दिया है. इससे यह भी लग रहा है कि आगामी चुनाव में सीट को लेकर भी अब कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे पर भी नीतीश कुमार को कॉम्प्रोमाइज करना पड़ सकता है.

आगामी चुनाव को लेकर कांग्रेस में उत्साह

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी को नई रफ्तार दी है और इसका असर कर्नाटक चुनाव में देखने को मिला. अगले 6 महीने में देश के कई राज्यों में चुनाव होना है और इस जीत के बाद कांग्रेस में नया उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं, भाजपा में निराशा देखी जा रही है.