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भागलपुर के बेटे ने किया कमाल, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में होगा बड़ा बदलाव

भागलपुर के लाल ने कमाल कर दिखाया है, ना सिर्फ अपने जिले का बल्कि राकेश प्रियदर्शी ने बिहार का नाम पूरे देश में रौशन किया है. राकेश क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय जगत में एक बदलाव करने वाले हैं.

Updated on: 10 Mar 2023, 04:06 PM

highlights

  • मिनटों में चेंज हो जाएगा पिच
  • प्रोजेक्ट के लिए मिले 10 लाख
  • भारत सरकार से आइडिया को मिली मंजूरी

Bhagalpur:

भागलपुर के लाल ने कमाल कर दिखाया है, ना सिर्फ अपने जिले का बल्कि राकेश प्रियदर्शी ने बिहार का नाम पूरे देश में रौशन किया है. राकेश क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय जगत में एक बदलाव करने वाले हैं. भागलपुर के बेटे ने वर्षों मेहनत कर क्रिकेट जगत में एक बड़ी क्रांति लाई है. बता दें कि पहले क्रिकेट खिलाड़ी पावरप्ले ओवर लेते थे, लेकिन अब इस नए बदलाव के बाद पावर पिच प्लेओवर भी ले सकेंगे. जिसमें क्रिकेट पिच महज मिनटों में चेंज हो जाएगा. अब खिलाड़ी एक ही मैदान में विभिन्न तरह के क्रिकेट पिच पर खेल सकेंगे. वर्षों तक प्रोजेक्ट पर समय देने के बाद भारत सरकार के पेटेंट विभाग ने इसे मंजूरी दी. इस प्रोजेक्ट में आईआईटी पटना जल्द भी सहयोग कर रही है.

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2016 से इस आइडिया पर काम कर रहे हैं राकेश

प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार के निधि ईआईआर के सहयोग से मॉडल बनाने के लिए फंड भी उपलब्ध कराया जा रहा है. भारत सरकार के द्वारा आइडिया को पेटेंट करने के बाद राकेश दिन रात इस पर काम कर रहे हैं. राकेश एक अच्छे क्रिकेटर खिलाड़ी भी हैं. साल 2016 में राकेश ने इस आइडिया पर काम करना शुरू किया. उसके बाद 25 जनवरी, 2023 को इस आइडिया को केंद्र सरकार ने पेटेंट कर लिया.

मिनटों में चेंज हो जाएगा पिच

भागलपुर के राकेश ने बताया कि उनके इस मॉडल के तहत क्रिकेट पिच पर जमीन के नीचे एक बड़ा और लंबा रोलर लगा रहेगा. जिसके चारों ओर अलग-अलग पिच बने रहेंगे और जैसे ही रोलर घूमेगा, यह पिच बदल जाएगा. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह के मॉडल के तहत दुनिया के विभिन्न जगहों से मिट्टी लाकर बेहतरीन पिच तैयार किया जा सकता है. खेल के दौरान अगर पिच खराब हो जाए, तो उसे भी बदला जा सकेगा.

भारत सरकार से आइडिया को मिली मंजूरी

हालांकि अभी इसका वर्किंग मॉडल नहीं बना है, लेकिन कांसेप्ट नया है. इस कांसेप्ट को भारत सरकार ने पेटेंट कर लिया है. जल्द अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह बदलाव देखने को मिल सकेगा और आकर्षक भी रहेगा. मॉडल में सबसे बड़ी खासियत यह है कि जिस देश का पिच चाहिए, उस देश के मिट्टी से बनाया हुआ पिच आपको मिनटों में मिलेगा और उस पर आप खेल पाएंगे.
राकेश के इस मॉडल को लेकर इनक्यूबेशन सेंटर आईआईटी पटना के सहयोग से काम हो रहा है, जिसे केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग प्रायोजित कर रही है.

प्रोजेक्ट के लिए मिले 10 लाख

गौरतलब हो कि राकेश के इस प्रोजेक्ट से प्रभावित होकर उन्हें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ से प्रति माह 30 हजार रुपये मिल रहे हैं. साथ ही प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए दस लाख रुपये की सहायता राशि दी जा रही है. राकेश प्रियदर्शी भागलपुर नाथनगर के रहने वाले हैं. राकेश के पिता विजय प्रसाद यादव सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर है और मां नीलम देवी गृहणी है.