logo-image

भागलपुर: अब सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मिलेगी प्राइवेट वाली शिक्षा, डीईओ ने दिए ये निर्देश

भागलपुर जिले से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अच्छी खबर आई है, जहां भागलपुर जिले में सरकारी शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार होने जा रहा है. अब यहां भी बच्चों की पढ़ाई स्मार्ट तरीके से होने जा रही है.

Updated on: 10 Aug 2023, 05:40 PM

highlights

  • भागलपुर के सरकारी स्कूलों में बदलाव
  • अब विद्यार्थियों को मिलेगी प्राइवेट वाली शिक्षा
  • डीईओ ने बनाई योजना

Bhagalpur:

भागलपुर जिले से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अच्छी खबर आई है, जहां भागलपुर जिले में सरकारी शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार होने जा रहा है. अब यहां भी बच्चों की पढ़ाई स्मार्ट तरीके से होने जा रही है. भागलपुर शिक्षा विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है. दरअसल आपको बता दें कि अब प्राइवेट स्कूलों में चलने वाली किताबें सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जाएंगी. इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि, ''निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी किताबें चलायी जाये. साथ ही आगे उन्होंने बताया कि, इससे बच्चे को उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त हो पाएगी. अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी स्मार्ट बन सकेंगे और निजी स्कूलों की शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे.''

यह भी पढ़ें: पिछले 24 घंटे में गंगा के पानी में 30 सेमी की वृद्धि, खतरे के निशान से बह रही 15 सेंटीमीटर ऊपर

वहीं डीईओ संजय कुमार ने कहा कि, ''इस बदलाव से बच्चों को काफी ज्यादा लाभ मिलेगा. अगर सरकारी स्कूल के बच्चे प्राइवेट स्कूल में जाएंगे या प्राइवेट स्कूल के बच्चे सरकारी स्कूल में आएंगे तो उन्हें पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं होगी. कई बार प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र बिहार बोर्ड से परीक्षा देना चाहते हैं. ऐसे में वे यहां नामांकन भी करा लेते हैं, लेकिन दोनों जगह अलग-अलग किताबें रहने से उन्हें काफी ज्यादा परेशानी होती है. अगर सभी जगहों पर एक ही किताब रहेगी तो बच्चे आसानी से पढ़ाई कर पाएंगे.''

अब कॉम्पिटिशन के स्तर पर होगी पढ़ाई

इसके साथ ही आगे डीईओ संजय कुमार ने कहा कि, ''छात्र को उस स्तर की शिक्षा नहीं मिल पाती है कि वह प्रतियोगिता की तैयारी कर सके. साथ ही विभाग ने किताब का नाम मांगा था, उसकी सूची भेज दी गयी है. इइन विद्यार्थियों को प्रतियोगिता की तैयारी करने में कोई परेशानी नहीं होगी. विद्यार्थियों को शुरू से ही स्कूल में वह शिक्षा मिल सकेगी, जिससे बच्चों को प्रतियोगिता की तैयारी करने में कोई परेशानी न हो.''