'हम' का ऐलान, मुख्यमंत्री होगा मांझी का संतान, पोस्टर पर सियासी घमासान
एक बार फिर पोस्टर को लकेर काफी चर्चा हो रहा है, जिसमें लिखा है कि कर दो हर पंचायत में एलान.. बिहार का मुख्यमंत्री होगा मांझी का संतान.
highlights
- पोस्टर पर सियासी घमासान
- मुख्यमंत्री होगा मांझी का संतान
- मांझी के पोस्ट पर मचा बवाल
Patna:
हम पार्टी के संयोजक जीतन राम मांझी अकसर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. इन दिनों मांझी लगातार बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव पर लगातार जुबानी हमला करते नजर आ रहे हैं. जहां मांझी ने तेजस्वी के लिए यह तक कह दिया कि उन्हें संविधान का ज्ञान नहीं है और नौकरी उपमुख्यमंत्री नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के आदेश पर बहाली की जाती है तो वहीं अब एक पोस्टर को लेकर मांझी फिर खबरों में है. जहां महागठबंधन के साथ रहते हुए मांझी ने शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था तो वहीं अब एनडीए की सरकार में रहकर ऐसा माना जा रहा है कि मांझी की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है.
यह भी पढ़ें- 'मेरे माता-पिता के पास हाथ जोड़कर आए थे नीतीश कुमार...' - तेजस्वी यादव का खुलासा
बिहार में फिर पोस्टर पर सियासत शुरू
दरअसल, मांझी चाहे किसी भी सरकार में रहे, वह दवाब की राजनीति करते रहते हैं और बड़े खिलाड़ी की तरह अपना पाला भी बदलते रहते हैं. उनकी महत्वकांक्षा जिस भी पार्टी में पूरी होती है, वे उसके साथ हो लेते हैं. एक बार फिर पोस्टर को लकेर काफी चर्चा हो रहा है, जिसमें लिखा है कि कर दो हर पंचायत में एलान.. बिहार का मुख्यमंत्री होगा मांझी का संतान. यह पोस्टर हम के राष्ट्रीय सचिव रंजीत कुमार की तरफ से पटना के पॉश इलाके बेली रोड पर लगाया गया है. वहीं, इस पोस्टर को लेकर सियासत शुरू हो चुकी है और कहा जा रहा है कि जीतन राम मांझी का पेट एक-दो रोटी से नहीं भरने वाला है.
'कर दो हर पंचायत में एलान.. बिहार का मुख्यमंत्री होगा मांझी का संतान'
दूसरी तरफ हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नंदलाल मांझी ने पोस्टर को लेकर स्पष्ट किया कि अगर पार्टी के नेता या कार्यकर्ता मांझी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं तो इसमें गलत क्या है. किसी भी दल के कार्यकर्ताओं की यह भावना होती है कि उस दल के नेता का सर्वोच्च पद पर हो और राज्य का नेतृत्व करें. अगर कार्यकर्ता चाहते हैं कि जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने तो इसमें गलत क्या है.
आपको बता दें कि कैबिनेट विस्तार के समय भी जीतन राम मांझी अपनी मांगों को लेकर नाराज चल रहे थे. उनके बेटे संतोष सुमन को दो विभागों का मंत्री बनाया गया था, लेकिन मांझी इससे भी खुश नहीं थे. वे चाहते थे कि हम पार्टी से दो लोगों को नीतीश कैबिनेट में जगह मिले.
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