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आरा की होनहार बहू ने किया कमाल, भारतीय रेलवे बोर्ड की बनी पहली महिला अध्यक्ष

बिहार के आरा की होनहार बहू जया वर्मा सिन्हा ने पूरे देश में अपने काबिलियत का परचम एक बार फिर से लहराया है, जहां जया वर्मा सिन्हा के इस कामयाबी की शिखर पर पहुंचने के बाद उनके ससुराल सहित पूरे जिले में काफी खुशी का माहौल बना हुआ है.

Updated on: 04 Sep 2023, 08:59 PM

highlights

  • आरा की होनहार बहू ने किया कमाल
  • भारतीय रेलवे बोर्ड की बनी पहली महिला अध्यक्ष
  • काबिलियत का परचम एक बार फिर से लहराया

Aarah:

बिहार के आरा की होनहार बहू जया वर्मा सिन्हा ने पूरे देश में अपने काबिलियत का परचम एक बार फिर से लहराया है, जहां जया वर्मा सिन्हा के इस कामयाबी की शिखर पर पहुंचने के बाद उनके ससुराल सहित पूरे जिले में काफी खुशी का माहौल बना हुआ है. दरअसल, केंद्र सरकार ने जया वर्मा सिन्हा को भारतीय रेलवे बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष और सीईओ के रूप में नियुक्त किया है. करीब 105 साल के इतिहास में पहली बार भारतीय रेल की बागडोर की जिम्मेदारी किसी महिला अधिकारी के हाथों में सौंपा गया है, जो महिला सशक्तिकरण का नजीर भी है.

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काबिलियत का परचम एक बार फिर से लहराया

रेलवे बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा मूल रूप से कोईलवर प्रखंड के नया हरीपुर गांव निवासी रिटायर्ड प्रोफ़ेसर चंद्रभूषण सिन्हा की बहू है, जबकि उनके पति सीनियर आईपीएस अधिकारी नीरज सिन्हा है. जो पटना असैनिक सिविल डिफेंस में डीजीपी के पद पर तैनात हैं. हालांकि जया वर्मा सिन्हा और उनके पति सहित पूरे परिवार के लोग हाल-फिलहाल में दिल्ली और झारखंड के जमशेदपुर टाटा शहर स्थित अपने मकान में रहते हैं, लेकिन जया और उनके पति नीरज सिन्हा का गांव से अभी भी काफी जुड़ाव है.

भारतीय रेलवे बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष

ससुराल के ग्रामीणों की मानें तो करीब 10 साल पहले जब जया वर्मा के पति आईपीएस अधिकारी नीरज सिन्हा की पोस्टिंग दानापुर में थी, तो जया और उनके पति नीरज सिन्हा हरीपुर गांव आए थे. उस वक्त वो लोग गांव में रहने वाले परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात भी की थी. जया के पति नीरज सिन्हा के चचेरे भाई के लड़के मनोज सिन्हा की मानें तो जया वर्मा सिन्हा को इतने बड़े पर नियुक्त करने के पीछे उनकी खुद की काबिलियत है. जबकि नीरज सिन्हा के चचेरे भाई छवि भूषण सिन्हा ने बताया कि जया वर्मा सिन्हा रेलवे बोर्ड की सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के रूप में हाल में उड़ीसा के बालसुर में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना के बाद जटिल सिग्नल प्रणाली के बारे में बताया था.

रिटायरमेंट से पहले मिली बड़ी जिम्मेदारी

जया वर्मा इसी माह में रिटायर भी होने वाली थी, लेकिन उनकी लगन और कर्तव्य निष्ठा को देखते हुए सरकार ने रेलवे बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष बनाते हुए उनकी सेवा 2024 तक के लिए विस्तारित कर दिया है. जानकारी के अनुसार जया वर्मा सिन्हा और नीरज सिन्हा एक साथ आईआरएस की परीक्षा पास कर प्रशिक्षण भी एक साथ लिया था. जिसके बाद दोनों लोगों की शादी हुई. इधर शादी के बाद जया वर्मा सिन्हा के पति नीरज सिन्हा ने फिर सिविल सर्विस की परीक्षा दी और उन्हें बता और आईपीएस बिहार कैडर में सेवा करने का मौका मिला, जबकि पत्नी जया वर्मा सिन्हा ने 1988 में भारतीय रेल यातायात सेवा में योगदान देकर अपने कुशल कार्य के बदौलत देश की पहली महिला रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष रूप में नियुक्ति पाकर अपना और परिवार के साथ-साथ जिले का भी नाम रोशन कर दिया है.