पहले ही मैच में 16 विकेट लेकर बनाया था वर्ल्ड रिकॉर्ड, बुरी तरह हारी वेस्टइंडीज
इस मैच में वेस्टइंडीज की टीम विवियन रिचर्डस जैसे दुनिया के धुरंधर बल्लेबाजों से सजी हुई थी. एमए चिदंबरम स्टेडियम, चेन्नई में यह मैच शुरू हुआ.
highlights
- वेस्टइंडीज की पूरी टीम सिमट गई मामूली स्कोर पर
- टेस्ट मैच में भारत की ओर से सर्वश्रेष्ठ बॉलिंग डेब्यू
- वेस्टइंडीज की क्रिकेट टीम का भारत में दौरा
नई दिल्ली :
जीवन का पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच, सामने वेस्टइंडीज जैसी दमदार टीम और नया नवेला गेंदबाज लगभग पूरी विपक्षी टीम को पैवेलियन भेज दे, कभी सुना है यह करिश्मा. यह करिश्मा किया भारत के नरेंद्र हिरवानी ने. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में जन्मे नरेंद्र हिरवानी ने 20 साल की उम्र में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था. 11 जनवरी 1988 को हुए इस मैच में वेस्टइंडीज की टीम विवियन रिचर्डस जैसे दुनिया के धुरंधर बल्लेबाजों से सजी हुई थी. एमए चिदंबरम स्टेडियम, चेन्नई में यह मैच शुरू हुआ. इसमें भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 382 रन बनाए थे. जवाब में उतरी भारतीय टीम में नरेंद्र हिरवानी अपना पहला मैच खेल रहे. टीम के मेंबर उन्हें न्यूकमर समझ रहे थे लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से सबको सन्न कर दिया. उन्होंने वेस्टइंडीज के आठ विकेट चटका दिए. वेस्टइंडीज की पूरी टीम 184 रन पर आउट हो गई. इसकी के साथ नरेंद्र हिरवानी विश्व के चौथे गेंदबाज बन गए, जिसने अपने डेब्यू इंटरनेशनल टेस्ट मैच में पहली पारी में आठ विकेट चटकाए हों. इसके बाद जवाब में भारतीय टीम ने 217 रन बनाकर पारी घोषित कर दी और वेस्टइंडीज को 416 का लक्ष्य दिया. अगली पारी में फिर हिरवानी का जादू चला और उन्होंने फिर आठ विकेट चटकाए. वेस्टइंडीज की पूरी टीम 160 रन पर आउट हो गई और भारतीय टीम ने 255 रन से मैच जीत लिया. इसके बाद नरेंद्र हिरवानी विश्व के दूसरे ऐसे गेंदबाज बन गए, जिसने अपने इंटरनेशनल डेब्यू मैच में 16 विकेट लिए हों. यह कारनामा उनसे पहले सिर्फ बॉब मैसी ने किया था. इसी जीत के साथ नरेंद्र हिरवानी भारतीय क्रिकेट का सितारा बन गए. सर्वश्रेष्ठ टेस्ट डेब्यू गेंदबाज के रूप में आज भी नरेंद्र हिरवानी का नाम भारत में सबसे आगे और विश्व में दूसरे नंबर पर है.
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हालांकि दुखद बात ये रही कि अपने इस सफलता को वह आगे जारी नहीं रख सके. 18 अक्टूबर 1958 को जन्मे इस गेंदबाज ने अपने करियर में कुल 17 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 66 विकेट लिए. इसके अलावा 18 वनडे मैच भी खेले जिसमें 23 विकेट लिए. अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच उन्होंने 1 दिसंबर 1996 को अपना अंतिम टेस्ट मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला. भले नरेंद्र हिरवानी एक ही मैच में करिश्माई गेंदबाजी की मगर अपने देश के नाम एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड कर दिया. यह ऐसा मैच था, जिसमें वेस्टइंडीज कभी नहीं भूलेगा कि कैसे एक नये नवेले गेंदबाज ने उनकी टीम को मामूली स्कोर पर समेट कर रख दिया.
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