Top 5 Sports News : जब हारे हुए मैच को एमएस धोनी और हार्दिक पांड्या ने जिता दिया
बांग्लादेश को आखिरी ओवर में 11 रनों की जरूरत थी. महमूदुल्लाह ने एक रन लेकर मुश्फीकुर रहीम को स्ट्राइक दी थी, जिन्होंने लगातार दो चौके मार टीम को जीत के मुहाने पर खड़ा कर दिया था.
New Delhi:
1. टीम इंडिया के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने 2016 टी-20 विश्व कप के उस ऐतिहासिक मैच को याद किया है जिसमें भारत ने बांग्लादेश को जीत की दहलीज पर से मायूस लौटाकर खुद विजय पताका फहराई थी. बेंगलुरू में खेले गए उस मैच में भारत ने आखिरी तीन गेंदों पर तीन विकेट ले मैच को बांग्लादेश के मुंह से छीन लिया था. इन तीन में से दो विकेट कैच आउट थे जबकि आखिरी विकेट रन आउट था जिसके लिए धोनी को हमेशा याद किया जाता है. बांग्लादेश को आखिरी ओवर में 11 रनों की जरूरत थी. महमूदुल्लाह ने एक रन लेकर मुश्फीकुर रहीम को स्ट्राइक दी थी, जिन्होंने लगातार दो चौके मार टीम को जीत के मुहाने पर खड़ा कर दिया था. लेकिन इसके बाद दो लगातार कैच आउट और आखिरी गेंद पर धोनी के रन आउट ने बांग्लादेश को हार के लिए विवश कर दिया था. पांड्या ने बताया अगर उस समय मैं होता तो एक रन लेता और जीत पक्की कर लेता और इसके बाद अपनी सिग्नेचर शॉट खेलता. इसलिए मैं सोच रहा था कि अगर कोई एक रन लेना चाहता है तो सबसे मुश्किल गेंद कौन सी होगी. पांड्या ने कहा, मुझे साफ तौर पर याद नहीं है लेकिन कुछ लोगों ने कहा कि बाउंसर डाल, लेकिन माही भाई और आशु भाई ने कहा कि निचले क्रम का बल्लेबाज है, वो बल्ला घुमाएगा और किनारा भी लग गया तो चौका हो सकता है इसलिए ऑफ स्टम्प के बाहर डाल. उन्होंने कहा, मैंने गेंद को थोड़ा बाहर डाला और इसके बाद मैं अपनी आवाज खो बैठा. पांड्या की इस गेंद को शुवगता होम खेल नहीं पाए और गेंद धोनी के पास गई जिन्होंने एक हाथ में ही ग्ल्व्स पहना था, उन्होंने काफी तेज दौड़ लगाते हुए गेंद को स्टम्प में मार दिया. मैदानी अंपायर ने फैसला तीसरे अंपायर पर छोड़ा जिन्होंने रहीम को आउट करार दिया और भारत को जीत मिली.
2. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि जब तक कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक क्रिकेट उससे अलग होगा, जिसके प्रशंसक और स्टेक होल्डर्स आदी हैं. राहुल द्रविड़ ने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती और हमें पूरे विश्व को लेकर आत्मविश्वास नहीं हो जाता. मैं कोई मेडिकल प्रोफेशनल नहीं हूं, लेकिन जो मैंने सुना है, वायरस लंबे समय तक नहीं जाने वाला है, लेकिन एक समय ऐसा आएगा, जब हम इससे और अच्छी तरह निपट सकेंगे. उन्होंने कहा, तब तक क्रिकेट काफी अलग होने वाला है. मुझे लगता है कि क्रिकेट कई मायनों में जीवन की परछाई है, इसिलए मैं इसे प्रभावित हुए बिना नहीं देख पा रहा हूं. द्रविड़ ने कहा कि जिस तरीके से खेल खेला जाता है, जश्न मनाने से लेकर ड्रेसिंग रूम के तौर तरीकों तक सब कुछ प्रभावित होने वाला है.
3. भारत में तेज गेंदबाजों के लिए प्रतिकूल विकेटों पर कप्तान विराट कोहली उन पर भरोसा करते हैं और उमेश यादव ने पिछले 10 साल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उतार-चढ़ाव भरे करियर के बावजूद खेल में बने रहने का श्रेय अपनी बेजोड़ मानसिक मजबूती को दिया है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में 259 विकेट हासिल कर चुके विदर्भ के 32 साल के तेज गेंदबाज उमेश को नहीं लगता कि उन्हें लेकर टेस्ट विशेषज्ञ की जो धारणा बन रही है, उस बारे में जवाब देने की जरूरत है क्योंकि क्रिकेट से दूर जो समय बिताया जा रहा है उसका इस्तेमाल अपने कौशल को निखारने और मुकाबले के लिए तैयार रहने में किया जाना चाहिए. उमेश ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मैं मानसिक रूप से काफी मजबूत हूं और यह काफी अंतर पैदा करता है.
4. आईसीसी ने मंगलवार को क्रिकेट समिति की सिफारिशों को मानते हुए कोविड-19 के बाद शुरू होने वाले क्रिकेट को लेकर कुछ अंतरिम बदलाव किए हैं जिसमें गेंद को चमकाने के लिए सलाइवा के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्रतिबंध का बार-बार उल्लंघन करने पर टीम को पांच रनों की पेनाल्टी देने का भी प्रावधान है, लेकिन भारतीय टीम के हरफनमौला खिलाड़ी दीपक चाहर ने कहा कि सीमित ओवरों में गेंद को चमकाना ज्यादा बड़ा मुद्दा नहीं रहेगा. दीपक ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इसका हमारे ऊपर कोई ज्यादा असर पड़ेगा, क्योंकि सफेद गेंद सिर्फ दो ओवर की स्विंग होती है. अगर हम टी-20 प्रारूप की बात करें तो विकेट सिर्फ दो-तीन ओवरों के लिए अच्छी रहती है और गेंद तीन ओवरों तक ही स्विंग होती है इसलिए गेंद को चमकाने की जरूरत खत्म हो जाती है.
5. भारत के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर की तारीफ करते हुए कहा कि गंभीर खेल के प्रति पूरी तरह से जुनूनी थे और वह कभी भी क्रिकेट के मैदान पर किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटे. लक्ष्मण ने ट्विटर पर कहा, बड़े जिज्ञासु और खेल के प्रति पूरी तरह से जुनूनी गौतम गंभीर, क्रिकेट के मैदान पर कभी भी किसी चुनौती से पीछे नहीं हटा, चाहे वह दुनिया का कोई भी मैदान हो और कैसा भी पिच क्यों ना हो. इस खिलाड़ी हमेशा निडरता से सभी चुनौतियों का डट कर सामना किया. वह जानते थे कि उन्हें कैसे इससे निपटना है. वर्ष 2003 में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले गंभीर ने भारत के लिए 58 टेस्ट, 147 वनडे और 37 टी 20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमश : 4154, 5238 और 932 रन बनाए हैं. गंभीर ने 2007 में टी-20 विश्व कप और साल 2011 में 50 ओवरों के विश्व कप जीताने में टीम के लिए सबसे अहम भूमिका अदा की है. 2007 विश्व कप में उन्होंने सात मैचों में 227 रन बनाए थे.
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