सबसे ज्यादा रन बनाने के बावजूद टीम इंडिया से निकाल दिए गए थे सौरव गांगुली, दादा ने यूं बयां किया दर्द
जबरदस्त प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें साल 2007-08 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर राहुल द्रविड़ के साथ टीम से बाहर कर दिया गया था. जिसके बाद सौरव गांगुली ने साल 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था.
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली आज तक उस बात को पचा नहीं पाए हैं कि शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें टीम इंडिया से बाहर क्यों निकाल दिया गया था. साल 2007 में गांगुली ने टीम इंडिया के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए थे, इसके बावजूद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था. इससे पहले साल 2005 में कोच ग्रेग चैपल के साथ मतभेदों के बाद दादा से टीम इंडिया की कप्तानी भी छीन ली गई थी और टीम से भी निकाल दिया गया था.
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2005 में टीम से निकाले जाने के बाद गांगुली ने अगले ही साल यानि 2006 में एक बार फिर से वापसी की और अपनी बेजोड़ बैटिंग से सबका मुंह बंद कर दिया. साल 2006 में टीम में वापस आने के बाद गांगुली ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार रन बनाते चले गए. हालांकि, जबरदस्त प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें साल 2007-08 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर राहुल द्रविड़ के साथ टीम से बाहर कर दिया गया था. जिसके बाद सौरव गांगुली ने साल 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था.
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गांगुली ने कहा, "यह अविश्वसनीय चीज थी. मुझे वनडे टीम में से तब हटाया गया था जब मैंने उस कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा रन बनाए थे. आपका प्रदर्शन चाहे कितना भी अच्छा है, लेकिन अगर आपसे मंच छीन लिया जाए तो आप क्या साबित करोगे? और किसे साबित करोगे? यह चीज मेरे साथ हुई. अगर मुझे दो और वनडे सीरीज मिलती तो मैं और ज्यादा रन बनाता. अगर मैं नागपुर में संन्यास नहीं लेता तो मैं अगली दो सीरीज में भी रन बनाता."
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पूर्व कप्तान ने कहा कि यदि वे इस उम्र में भी प्रेक्टिस शुरू करें तो वे अभी भी टीम इंडिया के लिए रन बना सकते हैं. उन्होंने कहा, "अभी भी, मुझे छह महीने दीजिए ट्रेनिंग के लिए, कुछ रणजी ट्रॉफी मैच खेलने दीजिए, मैं टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए अभी भी रन कर सकता हूं. मुझे छह महीने भी नहीं चाहिए, तीन महीने काफी हैं, मैं रन बना दूंगा. आप मुझे खेलने का मौका नहीं दे सकते लेकिन आप मेरे अंदर के विश्वास को कैसे खत्म करोगे." साल 2008 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद गांगुली ने साल 2008 से 2012 तक आईपीएल में खेले.
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