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मयंक अग्रवाल ने खोला राज, जानें कैसे खेली इतनी बड़ी पारी

India Bangladesh Indore test : बांग्लादेश के खिलाफ इंदौर के होल्‍कर स्‍टेडियम में पहले टेस्ट मैच में अपने करियर का दूसरा दोहरा शतक लगाने वाले मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) का कहना है कि उन्होंने अपने करियर मे असफलता के बारे में सोचना छोड़ दिया था

Updated on: 16 Nov 2019, 07:28 AM

New Delhi:

India Bangladesh Indore test : बांग्लादेश के खिलाफ इंदौर के होल्‍कर स्‍टेडियम में पहले टेस्ट मैच में अपने करियर का दूसरा दोहरा शतक लगाने वाले मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) का कहना है कि उन्होंने अपने करियर मे असफलता के बारे में सोचना छोड़ दिया था, जिसके कारण उनका खेल और निखरकर कर सामने आया है. मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) ने शुक्रवार को टेस्ट मैच के दूसरे दिन दमदार बल्लेबाजी की और 243 रनों की शानदार पारी खेलकर भारत को बड़े स्कोर तक पहुंचाया. मयंक (Mayank Agarwal)ने 330 गेंद में 243 रन की पारी खेली, जिससे भारत ने दिन का खेल खत्म होने तक छह विकेट पर 493 रन बनाकर बांग्लादेश पर शिकंजा कस दिया. पहली पारी में टीम को अब तब 343 रन की बढ़त मिल गई है.

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मैच के बाद मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal)ने कहा, मानसिकता की बात की जाए तो मैंने अपने जेहन असफलता का डर निकाल दिया है, जिसके कारण मुझे में बहुत बड़ा बदलाव आया है. मन से डर को निकालने के बाद मुझमें रनों की भूख पैदा हो गई, ऐसा भी समय रहा है जब मैं रन नहीं बना पाया. अब मैं जब भी सेट हो जाता हूं तो बड़े रन बनाने की कोशिश करता हूं. अपने सफर पर बात करते हुए मयंक अग्रवाल ने कहा, निश्चित रूप से मैंने अपने सफर का बहुत आनंद लिया है. मेलबर्न में मेरा पहला मैच खेलना बहुत खास था. मैंने टीम की जीत में योगदान दिया और भारत ने पहली बार आस्ट्रेलिया में सीरीज जीती इससे मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ.

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अग्रवाल ने कहा, यही वह भावना है जो मुझे और टीम के बाकी खिलाड़ियों को आगे बढ़कर टूर्नामेंट जीतने के लिए प्रेरित करती है. मैं एक समय पर एक गेंद खेलने और जब तक संभव हो बल्लेबाजी करने का प्रयास करता हूं.

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मयंक ने अपनी शानदार पारी के दौरान चेतेश्वर पुजारा के साथ दूसरे विकेट के लिए 91 रन, अजिक्य रहाणे के साथ चौथे विकेट के लिए 190 रन और रविन्द्र जड़ेजा के साथ पांचवें विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी की. साझेदारियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, हमारी कोशिश एक बार में एक गेंद पर ध्यान लगाने के साथ लंबे समय तक क्रीज पर टिके रहने की थी. रहाणे सीनियर खिलाड़ी हैं और उन्हें टेस्ट क्रिकेट का काफी अनुभव है. उन्होंने पूरे समय मेरा मार्गदर्शन किया. उन्होंने कहा, हमारी योजना छोटी साझेदारी करने और समय लेकर सावधानीपूर्वक उसे बड़ी साझेदारी में बदलने की थी. मैं सजग था और गेंद को ठीक से देखकर खेल रहा था. मेहदी हसन मिराज पर लांग आन पर छक्का जड़कर दिलकश अंदाज में अपना दूसरा दोहरा शतक जड़ने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, पिच से अच्छा उछाल मिल रहा था और जो गेंद मेरी पहुंच में थी मैं उस पर रन बना रहा था. रन बनाने के लिए मैं गेंदों का सही चयन करने में सफल रहा.